राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली जल बोर्ड का पानी पीने लायक नहीं है। यहां घरों में सप्लाई होने वाला पानी निर्धारित मानकों पर खरा नहीं है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सबको शुद्ध पेयजल प्राप्त करने का अधिकार है। इसकी अवहेलना करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर कर रही है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद (सीसीपीसी) की बैठक में हुई चर्चा में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया गया। पासवान ने कहा कि वर्ष 1977 में जब वह दिल्ली आये तो नल से आने वाला पानी ही पीते थे। लेकिन पानी की क्वालिटी इतनी खराब है कि उसका उपयोग संभव नहीं है। पानी की क्वालिटी जांचने का काम भी खाद्य संरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) के दायरे में लाया जाएगा। दूषित पानी की शिकायत कोई भी उपभोक्ता कर सकता है। बैठक में कहा गया कि शहर में गुणवत्ता वाले पानी की आपूर्ति की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड और नगर निगमों की है। शुद्ध जल प्राप्त करना उपभोक्ताओं का संवैधानिक अधिकार है। रामविलास पासवान ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता की कमी है। क्रिकेट स्टेडियम, पांच सितारा होटल या फिर एयरपोर्ट पर उपभोक्ताओं से पीने के पानी पर एमआरपी से अधिक वसूला जाता है तो ऐसे में वह शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हम शिकायत के आधार पर कठोर कार्रवाई करेंगे। पासवान ने कहा कि सरकार 15 दिनों में 50 अतिरिक्त कंज्यूमर हेल्पलाइन सेंटर स्थापित करेगी, जिसके बाद कंज्यूमर हेल्पलाइन सेंटर की कुल संख्या 62 होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पांच स्थानों पर प्रायोगिक आधार ग्राहक सुविधा केंद्र भी चलाए जा रहे हैं।
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