नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने सोमवार को रेलवे के डिजिटीकरण की वकालत की और कहा कि यह रेलवे की सूरत बदलने वाला होगा और इससे अरबों रुपये की बचत होगी। नई दिल्ली में राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में डिजिटल इंडिया के लिए डिजिटल रेलवे की थीम पर एक सम्मेलन में प्रभु ने कहा, यह पता लगाया गया है कि भारतीय रेल नेस्कॉम के माध्यम से किस तरह से आईटी उद्योग के साथ भागीदारी कर सकती है। उन्होंने कहा, इस उद्यम के माध्यम से विक्रेता और रेलवे दोनों को बराबर फायदा होना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा। यदि रेलवे दो अरब डॉलर का निवेश कर छह अरब डॉलर की बचत कर सकता है, तो यह महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा, डिजिटल प्लेटफॉर्म के दो मॉडल उपलब्ध हैं। पहला -केपेक्स प्लेटफॉर्म तथा दूसरा- ओपेक्स मॉडल है। छह अरब डॉलर के आंकड़े में गैर-किराया राजस्व शामिल नहीं है। गैर-किराया राजस्व लाभकारी हो सकता है, क्योंकि इससे रेलवे के राजस्व में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे व्यापक अवसर प्रदान करता है। भारतीय रेल का मतलब केवल संचालन से ही नहीं है। भारतीय रेलवे में चिकित्सा, शिक्षा, समाज, पर्यावरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों की अन्य बहुत-सी गतिविधियां शामिल हैं। इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन भी मुख्य रूप से उपस्थित थे। सम्मेलन में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए.के. मित्तल, रेलवे बोर्ड के सदस्य प्रदीप कुमार के साथ रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य, भारतीय रेल के अधिकारी गण और नेस्कॉम के प्रतिनिधि तथा आईटी उद्योग के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
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