नई दिल्ली: राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके के राउज कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार को बारिश का पानी भरने की वजह से तीन छात्रों की मौत ने सबको हिलाकर रख दिया है. ये सभी यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र थे. हाल ही में निलेश रॉय नामक एक छात्र की भी रणजीत नगर इलाके में करंट लगने से मौत हो गई थी, जो यूपीएससी की तैयारी कर रहा था.
नियमों का पालन नहीं: शनिवार को हुए इस हादसे ने कोचिंग संस्थानों के सुरक्षा इंतजामों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. राजधानी के विभिन्न इलाकों इस तरह के कोचिंग संस्थानों की भरमार है, जो पुलिस और स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे नियमों की अनदेखी कर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं. हैरान करने वाली बात तो यह है कि इन संस्थानों के संचालन करने से पहले इनको किसी तरह के सेफ्टी रूल्स को फॉलो करवाने को लेकर किसी तरह को कोई दवाब नहीं दिखता है. इसके चलते यह सभी बिना किसी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट, स्ट्रक्चलर स्टेबिलिटी और आपदा के वक्त निपटने के लिए किए जाने वाले इंतजामों के बगैर ही चलाए जा रहे हैं.
रेस्क्यू करने में आती है दिक्कत: इसकी एक बड़ी वजह यह है कि प्रॉपर्टी ऑनर और कोचिंग/इंस्टीट्यूट संचालक, दोनों ही इन सभी जरूरी मानकों की तरफ जरा भी ध्यान नहीं देना चाहते. इस कारण जब कोई ऐसी घटना होती है, तो लोगों को रेस्क्यू करने में बड़ी दिक्कत आती है. खासकर तब जब कोचिंग सेंटर तंग गलियों में हो, या रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े वाहनों के स्पॉट पर पहुंचने में परेशानी सामने आए.