नृसिंह जयंती पर विशेष: विष्णु के चतुर्थ अवतार श्रीनृसिंह

 यद्यपि सनातन वैदिक मतानुसार परमात्मा का अवतार संभव नहीं, तथापि बहुत सारे हिन्दुओं की मान्यता है कि सृष्टि में सभी प्राणी पूर्वनिश्चित धर्मानुसार अपने-अपने कार्य करते रहते हैं और जब कभी धर्म की हानि की होती है तो सृष्टिकर्ता धर्म की पुनः स्थापना करने के लिये धरती पर अवतार लेते हैं। मान्यतानुसार सृष्टि पालक भगवान विष्णु अब तक अधर्म के नाश के लिए नौ बार यथा मत्स्य, कुर्म (कच्छप), वाराह, नृसिंह (नरसिम्हा), वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध के रूप में धरती पर अवतरित हो चुके हैं और दसवीं बार भविष्य…

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3 शब्दों से परे है प्रार्थना

 एक लयबद्धता है, जो तुम्हारे भीतर घटती है। उसी लयबद्धता में तुम झुक जाते हो और उस विराट की लयबद्धता के साथ एक हो जाते हो। तुम्हारी वीणा, विराट की वीणा के साथ संगत देने लगती है। जुगलबंदी हो जाती है। तुममें और विराट की वीणा में जरा भी फासला नहीं रह जाता, भेद नहीं रह जाता, अंतराल नहीं रह जाता। प्रार्थना क्या है? क्या प्रार्थना केवल अपने ही लिए है? प्रार्थना अबूझ घटना है। ध्यान समझा जा सकता है, समझाया जा सकता है। प्रार्थना न तो समझाई जा सकती…

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अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व…

अक्षय तृतीया (आखातीज) को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है। जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि अक्षय तृतीया की यह तिथि परम पुण्यमय है। इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वाला महाभाग अक्षय पुण्यफल का भागी होता है। कहते हैं कि इस दिन जिनका परिणय-संस्कार होता है उनका सौभाग्य अखंड रहता है। इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी विशेष अनुष्ठान होता है जिससे अक्षय पुण्य मिलता है। इस दिन बिना पंचांग…

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मां केवल मां है, उसको मरने से पहले न मारें…

कल रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी के कई पहलुओं को छू लिया. करीब 7 बजे होंगे, शाम को मोबाइल बजा. उठाया तो उधर से रोने की आवाज़. मैंने शांत कराया और पूछा कि भाभीजी आखिर हुआ क्या? उधर से आवाज़ आई..आप कहाँ हैं और कितनी देर में आ सकते हैं? मैंने कहा-“आप परेशानी बताइये..!”और “भाई साहब कहाँ हैं…? माताजी किधर हैं..?” “आखिर हुआ क्या…?” लेकिन उधर से केवल एक रट कि आप आ जाइए, मैंने आश्वसन दिया कि कम से कम एक घंटा लगेगा. जैसे तैसे पूरी…

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उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन और CONGRESS की भूमिका

सुरेश हिन्दुस्थानी उत्तराखंड में राजनीतिक भंवर में फंसी कांगे्रस की हरीश रावत सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। इससे पूर्व विगत लगभग दस दिन से उत्तराखंड में जो राजनीतिक हालात निर्मित हुए, उससे उबरने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी राजनीतिक चाल चलकर साजिशें रचने का काम किया। कांगे्रस के बारे में हमशा से ही यह कहा जाता है कि वह येन केन प्रकारेण सत्ता में बने रहना चाहती है। फिर चाहे इसके लिए कोई भी रास्ता क्यों न अपनाना पड़े। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यही…

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आस्था पर आघात और भारत की अस्मिता

सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में भारत देश में जिस प्रकार से आस्था के विषय को लेकर राजनीति की जा रही है, उससे देश में असांमजस्य का भाव पैदा हो रहा है। इस भाव के कारण कई प्रकार की विसंगति निर्मित हो रही हैं। देश में जितने भी धर्म या संप्रदाय हैं, उनकी मान्यताओं का सम्मान किया जाना संवैधानिक अधिकार भी है और हिन्दुस्थान की मान्यताओं का सांस्कृतिक परिवेश भी। संवैधानिक अधिकारों के तहत हर किसी को अपना वक्तव्य प्रसारित करने का अधिकार है, लेकिन इन अधिकारों में अगर किसी भी व्यक्ति…

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बिहार में सत्ता परिवर्तन के संकेत

सुरेश हिंदुस्थानी बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए प्रथम और द्वित्तीय चरण का मतदान पूरा हो गया। मतदाताओं में जिस प्रकार के उत्साह की जा रही थी, वह इन चरणों के चुनाव में दिखाई नहीं दिया, लेकिन इस मतदान में जो खास बात देखने को मिली वह यही है कि बिहार में इस बार परिवर्तन के संकेत दिखाई देने लगे हैं। बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान यह साफ दिखाई दिया कि बिहार को जाति आधारित रूप से बांट दिया जाए। राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया ने पूरे चुनाव में…

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नवरात्रि की प्रथम देवी मां शैलपुत्री, पढ़े पहले दिन क्यों होती है शैलपुत्री की पूजा?

वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌ ॥ वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥ नवरात्रि के पावन पर्व पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-उपासना बहुत ही विधि-विधान से की जाती है। देवी दुर्गा के नौ रूप होते हैं। दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री’ के नाम से जानी जाती हैं। ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। इस प्रथम दिन की उपासना में योगी अपने मन को ‘मूलाधार’…

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विनाश से बचाव का रास्ता है अंतदृष्र्टी

-शिबेंदु लाहिड़ी- क्रिया का अर्थ है कर्म और योग का अर्थ है एकीकरण। क्रिया योग विभाजक चेतना के एकीकरण पर बल देता है। हठ योग, राज योग व लय योग का अनूठा समन्वय है क्रिया योग। भय मनुष्य के मन का एक भ्रम है। आप जिससे डरते हैं, उसका सामना करके ही उससे उत्पन्न होने वाले भय को पराजित कर सकते हैं। अगर आप उससे स्वयं को दूर रखते हैं या उससे कतराते हैं तो आपको भय से मुक्ति नहीं मिलेगी। एक बार एक बुद्धिमान व्यक्ति से पूछा गया- आपका…

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बिहार चुनाव में दिवाली के पटाखे कौन फोड़ेगा ?

बिहार में चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. पांच चरणों में चुनाव और 8 नवंबर को नतीजे. यानी दीवाली से पहले साफ हो जाएगा कि बिहार में जीत के पटाखे कौन फोड़ेगा ?  बिहार का ये चुनाव लालू-नीतीश के लिए तो करो या मरो का चुनाव है. नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेताओं के लिए भी सीधे सीधे बिहार का ये चुनाव प्रतिष्ठा का चुनाव बन चुका है. लोकसभा चुनाव में जीत के बाहर मोदी लहर की सवारी कर बीजेपी ने महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात में सरकार बना ली. जम्मू…

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