नई दिल्ली। दिल्ली फेडरेशन फर्नीचर की ओर से कीर्ति नगर में जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो फर्नीचर उद्योग बर्बाद हो जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में फर्नीचर उद्योग से जुड़े लोगों ने भाग लिया।
फेडरेशन के अध्यक्ष र¨तदर पाल ¨सह भाटिया ने बताया कि फर्नीचर उद्योग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने व आयातित फर्नीचर का इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 10 प्रतिशत करने से भारतीय फर्नीचर उद्योग बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले से ही भारतीय बाजारों पर 60 प्रतिशत कब्जा आयातित फर्नीचर का है। इंपोर्ट ड्यूटी घटने से इसका फीसद बढ़ेगा, जिसका असर भारतीय फर्नीचर उद्योग पर सीधे तौर पर होगा। इससे लाखों लोगों के बेरोजगार होने का खतरा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने फर्नीचर उद्योग को विलासिता की सामग्री बताकर इसपर 28 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। यह बात समझ से परे है। फर्नीचर आवश्यक आवश्यकताओं में से है। यह विलासिता की सामग्री कैसे हो गई। उन्होंने कहा कि हर तरह के फर्नीचर पर दस से बारह प्रतिशत की श्रेणी में रखा जाना चाहिए जैसे कि वैट के अंतर्गत था। उन्होंने कहा कि 75 लाख के रियायत की बात जो की जा रही है उससे फर्नीचर व्यापारियों व फर्नीचर लघु एवं मध्यम उद्योग को कोई फायदा नहीं पहुंचेगा, बल्कि उसे नुकसान होगा। ऐसे में इसको हटा देना चाहिए।