नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के आरोपी और साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को 18 दिनों की एनआईए की हिरासत में भेज दिया है. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने एनआईए हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
एनआईए ने तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में 10 अप्रैल को करीब दस बजे रात पेश किया था. एनआईए ने 10 अप्रैल की शाम को तहव्वुर को दिल्ली के पालम वायुसेना अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर लिया. वायुसेना अड्डे से तहव्वुर राणा को बख्तरबंद गाड़ी में पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया.
एनआईए की ओर से वरिष्ठ वकील दायन कृष्णन और स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नरेन्द्र मान ने 20 दिनों की एनआईए हिरासत की मांग की. एनआईए ने कहा कि तहव्वुर राणा से साक्ष्यों के साथ पूछताछ करनी है. एनआईए ने कहा कि इस आतंकी घटना की साजिश के खुलासे के लिए पूछताछ जरुरी है. तहव्वुर राणा की ओर से दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से वकील पीयुष सचदेवा ने कोर्ट में पैरवी की.
NIA मुख्यालय लाया गया आतंकी राणा: अदालत ने शुक्रवार को राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद उसे पटियाला हाउस अदालत परिसर से दिल्ली पुलिस के विशेष हथियार और रणनीति (एसडब्ल्यूएटी) और अन्य सुरक्षाकर्मियों के भारी सुरक्षा काफिले में एनआईए मुख्यालय लाया गया.
अधिकारियों ने बताया कि राणा को यहां सीजीओ कॉम्प्लेक्स में आतंकवाद निरोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर एक उच्च सुरक्षा वाले सेल में रखा जाएगा. एजेंसी के अधिकारियों के मुताबिक “राणा 18 दिनों तक एनआईए की हिरासत में रहेगा, इस दौरान एजेंसी उससे विस्तृत पूछताछ करेगी ताकि 2008 के घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाया जा सके, जिसमें कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे.”
राणा को गुरुवार शाम को लॉस एंजिल्स से एक विशेष विमान में एनएसजी और एनआईए की टीमों के साथ नई दिल्ली लाया गया, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. राणा के विभिन्न मुकदमों और अपीलों, जिनमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन भी शामिल है, को खारिज किए जाने के बाद आखिरकार प्रत्यर्पण हो पाया.
बता दें कि अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण के खिलाफ राणा की याचिका खारिज किए जाने के बाद उसे लाने के लिए भारतीय एजेंसियों की एक टीम अमेरिका गई थी. तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है.
64 वर्षीय तहव्वुर राणा के समर्थन की वजह से उस समय भारत में हेडली की आवाजाही आसान हो गई थी. पाकिस्तान मूल के तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली बचपन के दोस्त थे और दोनों ने एक ही सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी. तहव्वुर राणा ने डेविड कोलमैन हेडली की मदद के लिए मुंबई में एक एजेंसी खोली थी.
इस बीच पटियाला हाउस कोर्ट के बार एसोसिएशन नई दिल्ली बार एसोसिएशन ने कहा है कि तहव्वुर राणा की पेशी के दौरान न्यायिक कार्य में कोई व्यवधान नहीं डाला जाएगा. पटियाला हाउस कोर्ट में तहव्वुर राणा की पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. कोर्ट परिसर को किले में तब्दील कर दिया गया था.