नई दिल्ली: दिल्ली की भाजपा सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाते हुए एक नई आबकारी नीति लाएगी. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह नीति पारदर्शी होगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इस नीति से समाज में कोई समस्या पैदा न हो. सीएम ने आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें नई नीति के निर्माण पर चर्चा की गई.
सीएम रेखा गुप्ता ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई’ के साथ अपने साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘हम एक नई, पुख्ता नीति लाएंगे, जो पारदर्शी होगी और सरकार के लिए राजस्व अर्जित करेगी. उन्होंने कहा कि नीति ऐसी होगी कि इससे लोगों और समाज को कोई समस्या न हो. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्यों में आबकारी नीतियां ठीक चल रही हैं. हम अलग-अलग राज्यों की इन बेहतरीन आबकारी नीतियों का पालन करेंगे.’’
दरअसल, इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को हराकर भाजपा दिल्ली की सत्ता में आई थी. पिछली आप सरकार द्वारा लाई गई आबकारी नीति (2021-22) में कथित अनियमितताएं और भ्रष्टाचार भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक था. आरोप सामने आने के बाद आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था.
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने नवंबर 2021 में पुरानी आबकारी नीति को बदलकर नई नीति (2021-22) लागू की, जिसका उद्देश्य दिल्ली में शराब कारोबार में सुधार लाना था. हालांकि, यह नीति अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों का शिकार हो गई. जुलाई 2022 में एलजी वीके सक्सेना ने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके तुरंत बाद आप सरकार ने इसे रद्द कर दिया.
उस नीति के तहत, निजी कंपनियों को शराब की थोक और खुदरा बिक्री की अनुमति दी गई थी. शराब की दुकानें निजी कंपनियों को सौंप दी गई और सरकार ने यह कारोबार छोड़ दिया. आखिरकार, 31 अगस्त, 2022 को नीति रद्द कर दी गयी और निजी शराब की दुकानें बंद हो गईं. पुरानी नीति के तहत शराब की थोक और खुदरा बिक्री दिल्ली सरकार द्वारा की जाती थी और नई नीति रद्द किये जाने के बाद पुरानी नीति को ही फिर से लागू किया गया और यह जारी है.