अंबेडकर की सोच को लोगों के बीच फैलायें: प्रधानमंत्री मोदी

PM_Narendra_Modi_360_Storyबाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अन्य पूर्ववर्ती सरकारों से अधिक सम्मान करने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी सांसदों से संविधान निर्माता के सिद्धांतों और सोच को लोगों के बीच फैलाने को कहा। भाजपा संसदीय दल की हुई बैठक में मोदी ने भाजपा के शिखर पुरूष अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन और आध्यात्मिक नेता स्वामी विवेकानंद की जयंती का उल्लेख किया। उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों से पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को उपयुक्त योजना शुरू करने को कहा। दलितों को पार्टी के साथ जोड़ने के भाजपा के सक्रिय प्रयासों के बीच मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अंबेडकर को सर्वाधिक सम्मान प्रदान किया है। उन्होंने केंद्र द्वारा डा. अंबेडकर से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन का भी जिक्र किया जिसमें 26 नवंबर को संविधान दिवस की घोषणा और उनके सम्मान में विशेष सिक्के जारी करना शामिल है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से कहा कि अंबेडकर को अभी तक दलित नेता के तौर पर जाना जाता था जो संविधान के निर्माण में उनकी भूमिका को लेकर था लेकिन उनकी सरकार ने उनकी आर्थिक दृष्टि समेत उनके विविध आयामों को रेखांकित करने की दिशा मे काम किया है। विभिन्न मंत्रालय उनके योगदान के बारे में प्रकाशन लेकर सामने आए हैं। प्रधानमंत्री ने अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर वर्ष भर चलने वाले सरकार के कार्यक्रमों का भी जिक्र किया। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जायेगा। उन्होंने पार्टी के नेताओं से विवेकानंद की दृष्टि का प्रसार करने के लिए पूरा जोर लगाने और इसके जरिये युवाओं को भाजपा से जोडने की पहल करने को कहा। मोदी ने पार्टी सांसदों से वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर अपने क्षेत्र में कुछ कल्याण कार्यक्रम शुरू करने को कहा। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भी सांसदों को संबोधित किया और कई लंबित विधेयकों को देखते हुए उनसे संसद में पूरी संख्या में मौजूद रहने को कहा। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने दोनों सदनों में इस सप्ताह के विधायी एजेंडे की भी चर्चा की जिसमें राज्यसभ में सूचीबद्ध जीएसटी विधेयक शामिल है।

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