नई दिल्ली। 500 व एक हजार के पुराने नोट बंद होने की वजह से एक तरफ कालाधन रखने वालों में खलबली मची हुई तो वहीं, जुगाड़ तंत्र के जरिए कुछ लोग अपनी काली कमाई को सफेद करने के प्रयास में लगे हुए हैं।
दिल्ली पुलिस भी कालेधन वालों को दबोचने में लगी है और इस पूरी मुहिम में पुलिस की वाहवाही भी हुई है। पुलिस की तारीफ के बीच कुछ ऐसा भी हुआ है जिसकी वजह से इस महकमे को किरकिरी भी झेलनी पड़ रही है। 3 मामलों में कालेधन की हेराफेरी करने वाले 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई ने वर्दी पर दाग लगा दिया है।
पुलिस के बड़े अधिकारियों की मानें तो ऐसी स्थिति अन्य महानगरों में अब तक सामने नहीं आई है। अब तक 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा व निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है और 4 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर उनके खिलाफ जांच की जा रही है।
हेराफेरी में पुलिसकर्मियों के खिलाफ लगातार आ रही शिकायतों को पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा ने बेहद गंभीरता से लिया है। इस मसले पर गत दिनों दिल्ली पुलिस मुख्यालय में कुछ अधिकारियों की उच्च स्तरीय गोपनीय बैठक भी हुई, जिसमें हालात पर चिंता जताई गई। वर्मा ने पुलिसकर्मियों से कहा कि वो लालच में न आएं, ईमानदारी बरतें और दिल्लीवासियों की सुविधा के लिए कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखें।
हेराफेरी में शामिल पुलिसकर्मी लाखों रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में जहांगीरपुरी थाने के थानाध्यक्ष नरेश कुमार, हवलदार सुरेश, सिपाही श्रीभगवान व राजेश के खिलाफ उसी थाने में बेईमानी, अमानत में खयानत व आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया चा चुका है। इन्हें निलंबित भी कर दिया गया है। जानें कहां- गाड़ियों से मिले 2 करोड, 22 लाख, 74 हजार रुपए कैश आदर्श नगर थाने में यातायात पुलिस के तीन पुलिसकर्मियों हवलदार सुरेश चंद, सिपाही मनोज व प्रदीप के खिलाफ भी लाखों रुपये हेराफेरी करने के आरोप मे मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी तरह 10 लाख की हेराफेरी के आरोप मे बाहरी जिले के स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर महावीर समेत हवलदार सुरेंद्र, राजेश व योगेश को लाइन हाजिर कर दिया गया है।