- जनमत की पुकार
नई दिल्ली। शालीमार बाग गोलीकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। गोलीकांड का मुख्य आरोपी पंकज मेहरा एक बड़ा बुकी (सट्टेबाज) था। उसके इसी शौक के चलते पहले उसका कारोबार डूबा और बाद में परिवार भी खत्म हो गया। सट्टेबाजी के कारण उसके ऊपर भारी कर्ज चढ़ गया था, जिस वजह से वह कर्जदारों से छिपता घूम रहा था।
https://localhost/janmatkipukar/?p=9088
पुलिस सूत्रों की मानें तो चांदनी चौक में कपड़े का व्यापार करने के दौरान ही पंकज सट्टेबाजों के संपर्क में आया था। बताया जाता है कि पहले सोनीपत के कुछ बड़े बुकीज की रोहिणी में बुक चलती थी, जहां पंकज पंटरिंग करता था, यानी बुक लगाता था। इसी दौरान सोनीपत के बुकीज से उसकी अच्छी जान पहचान हो गई और वह खुद बुक लगाने लगा। पिछले भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान भी वह मोटी रकम हार गया था। जिस वजह से सोनीपत के बुकीज उसे लगातार परेशान कर रहे थे। लेकिन वह अपने बचाव के लिए हमेशा अपनी पत्नी को साथ रखता था।
उधर, बताया जाता है कि पंकज का एक अन्य लड़की से अफेयर भी चल रहा था। इसी के चलते पंकज ने योजना बनाई और एक तीर से दो शिकार करने की योजना बनाई, यानी प्रिया को रास्ते से हटाकर उसकी हत्या के जुर्म में अपने बकाएदारों को फंसवाना। वारदात वाली रात भी वह इसी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए घर से निकला था। वह सारी रात इधर-उधर घूम कर समय बिताता रहा और तड़के सवा 4 बजे के आस-पास उसने बादली के पास अपनी पत्नी को गोली मार दी। बताया जाता है कि जिस हथियार से उसने प्रिया को गोली मारी है, उसे वह अपने बचाव के लिए खरीद कर लाया था।
गोली के खोखे ने खोला हत्या का राज
पंकज की कार के अंदर से मिले गोली के दो इस्तेमालशुदा खोखों ने पूरी वारदात के राज से पर्दा उठा दिया। पुलिस के मुताबिक गोलीकांड और हत्या की सूचना मिलने के बाद मौका-ए-वारदात पर पहुंची पुलिस की टीम ने जब जांच शुरू की तो उन्हें घटनास्थल से गोली के खोखे बरामद नहीं हुए थे।
पुलिस ने जब पंकज की कार की जांच करनी शुरू की तो उन्हें कार के अंदर से चालक के बराबर वाली सीट के नीचे से गोली के वह खोखे बरामद हो गए, जिनकी गोली से प्रिया की मौत हुए थी। जबकि पंकज ने पुलिस को जो बयान दिए थे, उनके मुताबिक गोली कार के शीशों के बाहर से अंदर की ओर चलाई गई थी। इस हिसाब से गोली के खोखे कार के बाहर गिरने चाहिए थे।
पुलिस ने इसी दौरान घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले, जिनमें ऐसे किसी संदिग्ध की तस्वीर कैद नहीं हुई थी, जो पंकज की कार को या तो रुकवा रहा हो या फिर पीछा कर रहा हो। पुलिस ने जब पंकज से सख्ती से पूछताछ की तो उसने प्रिया को गोली मारने की बात कबूल कर ली। उसने पहली गोली प्रिया के सिर में मारी थी, लेकिन ऐन वक्त पर उसके पीछे हो जाने की वजह से गोली उसकी गर्दन में लगी। पंकज ने उसका काम तमाम करने की नीयत से उस पर एक गोली और दाग दी, जो उसके चहरे पर राइट साइड से लग कर लेफ्ट साइड को निकल गई थी। डाक्टरों का कहना है कि प्रिया की मौत गर्दन में लगी गोली के कारण हुई है।