- जनमत की पुकार
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने हुक्का बार पर कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंध लगा दिया है। अगर किसी रेस्टोरेंट और होटल में हुक्का बार चलते पाया गया तो उसका लाइसेंस रद्द कर सील करने के आदेश दिए गए हैं। सरकार ने तीनों नगर निगमों और पुलिस को हुक्का बार के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यहां कहा कि सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम के खंड-4 के अनुसार गैर-धूम्रपान और धूम्रपान क्षेत्र में हुक्का बार की अनुमति नहीं है।
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कुछ समय पहले केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर धूम्रपान क्षेत्र में भी हुक्का के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। ऐसे में किसी भी तरह से चलने वाले हुक्का बार अवैध हैं और दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम को हुक्का बार चलाने वाले रेस्तराओं, भोजनालयों और होटलों के लाइसेंस को तुरंत रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य तंबाकू नियंत्रण कक्ष ने दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की थी।
इस दौरान उठाए गए नमूनों की जांच में पाया गया है कि इसमें निकोटिन भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई पत्र दिल्ली पुलिस और एमसीडी को लिखे गए हैं ताकि हुक्का बारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि आज हुक्का बार पारिवारिक कार्यों में स्टेट्स का प्रतीक बन गया है। अभी तक यह गांव में उपयोग किया जाता था। लेकिन बदलते जीवन शैली में यह युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के रोग नियंत्रण और रोकथाम (सीडीसी) के अनुसार एक घंटे तक हुक्का पीने से 200 सिगरेट का धुआं शरीर में जा रहा है।
‘आप’ सरकार गहरी नींद से जागी : सिरसा
दिल्ली के शिरोमणी अकाली दल और भाजपा गठजोड़ के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन की तरफ से दिल्ली में हुक्का बारों को गैर कानूनी करार देने के बयान का मखौल उड़ाया है। साथ ही कहा कि हैरानी वाली बात है कि मंत्री और आप सरकार तब नींद में से जागी है जब इन बारों पर पाबंदी वाला सरकारी आदेश पहले ही दिल्ली के उपराज्यपाल का आदेश जारी हो चुका है।
उन्होंने कहा कि इस मुहिम के दौरान कभी भी न मुख्यमंत्री और न ही स्वास्थ्य मंत्री और न ही आप के किसी मंत्री ने गैर कानूनी हुक्का बारों के खिलाफ कोई बात की। उन्होंने कहा कि जब यह मुहिम दिल्ली के हर साधारण व्यक्ति की शिरकत के साथ शिखर पर पहुुंच गई और लोग नौजवानों को बचाने के लिए आगे आ गए तो राष्ट्रीय राजधानी में हुक्का बारों पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी हुआ।