नई दिल्ली : नगर निगम वार्डो के परिसीमन के बाद चुनावी समीकरण भी बदल गए हैं। इसलिए राजनीतिक दलों को नगर निगमों के चुनाव के लिए योग्य प्रत्याशियों की खोज में बदली हुई सियासी परिस्थितियों का ख्याल रखना पड़ रहा है। क्योंकि कई पार्षदों के वार्ड बदल गए हैं। भाजपा में योग्य उम्मीदवारों की खोज की जिम्मेदारी जिला इकाइयों को सौंपी गई है। प्रत्येक जिला अध्यक्ष स्थानीय नेताओं से बातचीत करने के बाद अपने क्षेत्र में पड़ने वाले प्रत्येक वार्ड से चार-चार दावेदारों के नाम प्रदेश नेतृत्व को भेजेगा। इनमें से किसी एक नाम का चयन किया जाएगा।
निगमों की सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने के लिए भाजपा योग्य उम्मीदवारों को मैदान में उतारना चाहती है। इसके लिए प्रत्येक जिला अध्यक्ष को इस महीने के अंत तक योग्य उम्मीदवारों की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है। प्रदेश नेतृत्व को जो नाम भेजे जाएंगे उनकी लोकप्रियता और छवि का पता लगाने के लिए मार्च के पहले सप्ताह में पार्टी एक सर्वे कराएगी। इसी के आधार पर प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगेगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि योग्य प्रत्याशियों के चयन के साथ ही संगठन को मजबूत करना भी जरूरी है। आगामी चुनावों में जीत हासिल करने के लिए पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में अपने मतों में पांच फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को लगभग 31 फीसद मत मिले थे। मत फीसद बढ़ाने के लिए 13,372 बूथों पर बूथ प्रबंधन कमेटी गठित की जा रही है। इनके माध्यम से प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने की कोशिश होगी। अगले महीने बूथ प्रबंधकों का सम्मेलन भी होगा।