बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और अपनी पार्टी के इकलौता विधायक जीतन राम मांझी अपने एक बयान को लेकर घिरते नजर आ रहे हैं। राज्य के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने पूर्व मुख्यमंत्री मांझी को उनके एक बयान को लेकर लीगल नोटिस भेजा है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की इंटर स्तरीय परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक मामले में बीएसएससी अध्यक्ष सुधीर कुमार की गिरफ्तारी को लेकर कथित रूप से एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी चंचल कुमार की संदिग्ध भूमिका को लेकर दिए गए बयान पर मांझी को एक लीगल नोटिस प्राप्त हुआ है। मांझी ने इसकी पुष्टि करते हुए मंगलवार को बताया कि आईएएस अधिकारी चंचल कुमार द्वारा अपने अधिवक्ता के जरिए भेजा गया एक लीगल नोटिस प्राप्त हुआ है। उन्होंने मंगलवार को कहा, एक लीगल नोटिस प्राप्त हुआ है। मैं उस नोटिस का जवाब दूंगा। मांझी ने बताया कि चंचल कुमार ने उनके बयान पर आपत्ति जताई है। मांझी ने सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के बाद कहा था कि सुधीर कुमार ने 15-20 साल पहले चंचल कुमार के ससुर को किसी मामले में सजा दी थी, जिसका बदला अब चंचल कुमार ने लिया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भाजपा की सहयोगी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने कहा, उनसे मिलने कई लोग आते हैं। लोगों से मिली सूचना के आधार पर प्रेस में बयान दिया था। गौरतलब है कि बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का मांझी ने लगातार विरोध किया है। इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ऐसे किसी अधिकारी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री या राजनीतिज्ञों को लीगल नोटिस भेजा जाना गलत परंपरा की शुरुआत है।
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