निगम चुनाव छोड़ मंथन में जुटी आप

नई दिल्ली : दिल्ली की 70 विधानसभा में से 67 सीटें जीत कर इतिहास बनाने वाली आम आदमी पार्टी निगम चुनाव छोड़ आत्ममंथन में जुट गई है। पार्टी के एक विधायक द्वारा इस्तीफा दिए जाने से पार्टी सदमे में इसलिए है कि इसकी भनक पार्टी के किसी नेता को नहीं लगी।

इस घटनाक्रम के बाद दिनभर पार्टी की बैठकें चलती रहीं। दिल्ली संयोजक दिलीप पाडेय ने अपनी पत्रकार वार्ता निरस्त कर दी। बताया जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व कमजोर कड़ियों की पहचान करने में लग गया है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी को आशंका है कि इस तरह के अभी और भी प्रयास विरोधियों द्वारा किए जा सकते हैं। पार्टी नेतृत्व ने हिदायत दी है कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्टी संगठित थी और संगठित होकर ही काम करेगी। पार्टी किसी दबाव में नहीं आएगी। भविष्य में ऐसी संभावित षड्यंत्रों को देखते हुए अब और भी सावधान रहने की जरूरत है। वहीं पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि पार्टी में सब कुछ ठीक है।

बता दें कि आप विधायक पंकज पुष्कर, कर्नल देंवेंद्र सहरावत, संदीप कुमार, असीम अहमद खान पहले ही पार्टी के विरोध में हैं। वहीं अब बवाना से विधायक वेद प्रकाश ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं राजौरी गार्डन से विधायक जरनैल सिंह पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।

आप के 21 विधायकों पर फैसला सुरक्षित

लाभ के पद मामले में चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली है। चुनाव आयोग ने फैसला सुरक्षित रखा है। संभावना जताई जा रही है कि आयोग को इनमें खामियां पाई गई हैं। ये वे विधायक हैं जिन्हें संसदीय सचिव बनाया गया था।

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