21वीं सदी के अनुरूप बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की जरूरत: मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली। हमारी पौराणिक कथाओं में बेटियों को देवी के समान दर्जा दिया गया है, मगर उसके बाद भी समाज में वर्षों पुराने समय से देश के बहुत से हिस्सों में बेटियों को सुरक्षित नहीं समझा जाता। सबसे चिंताजनक बात यह है कि बेटियों को संकुचित मानसिकता के चलते बंदिशों और शिक्षा से दूर रखा जाता है। ऐसे में हम सभी से यह अपील करना चाहते हैं कि अगर बेटियों को अवसर दिए जाएं, तो वह बेटों से बहुत आगे निकलकर उपलब्धियां हासिल कर सकती हैं और यह सिर्फ कहने की बात नहीं है, बल्कि देश की बेटियों ने बेहतर मंच मिलने पर परचम लहराकर नाम रोशन किया है। जरूरत सिर्फ इतनी है कि सभी को बेटियों के प्रति सोच को 21वीं सदी के अनुसार अपने दृष्टिकोण को बदलने की। यह बातें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भजनपुरा स्थित पंडित यादराम सेकेंडरी पब्लिक स्कूल के 25वें वार्षिकोत्सव में पहुंचकर कहीं। घोंडा विधायक व स्कूल के संस्थापक श्रीदत्त शर्मा ने यहां उपमुख्यमंत्री के आगमन पर आभार जताते हुए स्कूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और बच्चों की प्रतिभा को भी सराहा। विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे ओबीसी आयोग के चेयरमैन ने कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहद शानदार काम कर रही है और सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूल जैसी स्थिति में लाने के तेजी से प्रयास हो रहे हैं। स्कूल प्रबंधक लोकेश वत्स ने जानकारी दी कि यमुनापार विहार के एमटीएनएल पार्क में हुए इस समारोह में नन्हे बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक गीत, संगीत एवं नृत्य प्रस्तुतियां दीं। स्कूल में तरुण समूह के विद्यार्थियों ने यहां लाडो नामक नाट्य प्रस्तुति दी, जिसने सभी को सर्वाधिक आकर्षित किया और उपमुख्यमंत्री ने भी खूब सराहा। समारोह के अंत में शैक्षिक क्षेत्र में शीर्ष तीन स्थान पर रहने वाले छात्र-छात्राओं को खुद उपमुख्यमंत्री ने पुरस्कृत किया।

Share Button

Related posts

Leave a Comment