नई दिल्ली : इस बार के निगम चुनाव में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। आम आदमी पार्टी ने जहां प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, वहीं भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों पर अभी रहस्य बरकरार है। नामांकन सोमवार से शुरू हो चुका है, लेकिन अभी जिले के राजस्व विभाग के कार्यालय में प्रत्याशियों का जमघट नहीं शुरू हुआ है। भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी भी पसोपेश में हैं कि चुनाव की तैयारी करें या फिर पार्टी की जीत में योगदान दें। वहीं, भाजपा की ओर से पार्षदों को टिकट नहीं देने की घोषणा के बाद से पार्टी में खलबली मची हुई है। भाजपा के पार्षद अपनी बात को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिल चुके हैं, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट संदेश नहीं मिला है। ऐसे में भाजपा के पार्षद भी अभी संशय में हैं।
प्रत्याशियों की घोषणा में देरी से हो सकता है नुकसान
कांग्रेस व भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बताया कि प्रत्याशियों को लेकर अगर जल्द रहस्य से पर्दा नहीं हटाया गया तो पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है। अब तक एक भी सीट पर चुनाव प्रचार नहीं शुरू हो सका है। अगर प्रत्याशी की घोषणा हो जाती तो वे घर-घर जाकर अपने जनाधार को मजबूत करने के कार्य में जुट जाते, जबकि आप के प्रत्याशी प्रचार में जुटे हुए हैं। आप के बड़े नेताओं ने कमान संभाल ली है। अगर प्रत्याशियों की घोषणा में देरी हुई तो इसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
कुछ लोग पर्चा भरने की तैयारी में जुटे
क्षेत्र में कई ऐसे लोग भी हैं जो अपना टिकट पक्का समझ रहे हैं। ऐसे में वे पर्चा भरने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसमें कांग्रेस व भाजपा दोनों के कार्यकर्ता शामिल हैं। इन लोगों ने बताया कि पर्चा भरने में काफी कागजात की मांग की जाती है। ऐसे में पहले से ही इसकी तैयारी रखनी पड़ेगी। जैसे ही टिकट की घोषणा की जाएगी पर्चा भर देंगे।
कांग्रेस की सूची का इंतजार कर रही भाजपा
कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी कांग्रेस की सूची का इंतजार कर रही है। पार्टी को लग रहा है कि कुछ पार्षद बागी हो सकते हैं। ऐसे में वरिष्ठ नेता कांग्रेस की सूची देखकर यह अंदाजा लगाने में सक्षम हो सकते हैं कि कौन-कौन पार्षद पार्टी के साथ हैं। इसके बाद प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
कांग्रेस भी एक साथ नहीं खोलेगी पत्ते
कांग्रेस भी एक साथ सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं करेगी। पहली सूची में सौ प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बाकी सीटों पर वह भी वेट एंड वाच की रणनीति अपनाएगी। ऐसे में हो सकता है कि 2 अप्रैल को भाजपा व कांग्रेस की अंतिम सूची की घोषणा की जाए।