बेनामी संपत्ति मामले में केजरीवाल के करीबी मंत्री को IT ने किया तलब

नई दिल्ली। हवाला ऑपरेटरों की मदद से कालाधन सफेद करने और करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति बनाने के मामले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को एक और झटका लगा है। आयकर विभाग ने उन्हें छह अप्रैल को तलब किया है।

विभाग ने सत्येंद्र जैन को उन कंपनियों के दस्तावेज भी लाने को कहा है कि जिनमें वह 2010 से 2016 के दौरान हिस्सेदार रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग ने बेनामी कानून, 1988 की धारा 19(1) के तहत 27 मार्च को जैन को समन जारी किया है।

इससे पहले आयकर विभाग जैन की 33 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को अटैच करने का आदेश जारी कर चुका है जिसमें करीब सवा सौ बीघा जमीन भी शामिल है।

विभाग के सूत्रों का कहना है कि जैन के नियंत्रण वाली कंपनियों ने यह जमीन हवाला ऑपरेटरों की मदद से कालेधन को सफेद करने के बाद दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के पास खरीदी, ताकि जब भी ये कॉलोनियां नियमित हों तो इस जमीन के दाम बढ़ जाएं और मुनाफा कमाया जा सके।

जब आयकर विभाग की इस कार्रवाई के संबंध में जैन की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो वह उपलब्ध नहीं हो सके। उनके मोबाइल पर दो बार कॉल किया गया, लेकिन वह रिसीव नहीं हुआ। साथ ही उन्हें एक ईमेल भी भेजा गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक उसका कोई जवाब नहीं आया।

आयकर विभाग के सूत्रों ने कहा कि जैन को आकलन वर्ष 2011-12 से लेकर आकलन वर्ष 2016-17 तक के आयकर रिटर्न तथा जिन कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी थी, उनकी बैलेंसशीट लाने को कहा गया है।

विभाग ने जैन से कहा है कि वह इंडो मेटलक्ष्म्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इन्फोसोल्युशंस प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन और मंगलायतन कंपनियों में वर्ष 2010-11 से 2015-16 तक अलग-अलग समय में उनके हिस्सेदार रहने के संबंध में दस्तावेज पेश करें।

इसके अलावा आयकर विभाग ने जैन से उन कंपनियों के बारे में भी जानकारी मांगी है, जिन्होंने उनकी कंपनियों के शेयर कई गुना महंगे दाम पर खरीदे। विभाग के सूत्रों का कहना है कि ये कंपनियां कोलकाता के हवाला एंट्री ऑपरेटरों की थीं।

इससे पहले आयकर विभाग महीने भर पहले जैन की करीब 33 करोड़ रुपये की संपत्ति को बेनामी कानून में अटैच करने का आदेश जारी कर चुका है। जैन ने आयकर विभाग के आदेश के बाद विभाग को कोई अपना लिखित जवाब नहीं भेजा था।

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