नई दिल्ली। समय बीतने के साथ ही भाजपा की छोटी सी चूक के कारण रानीबाग का रण और भी दिलचस्प होता जा रहा है। पिछले दिनों रानीबाग (महिला) वार्ड से भारतीय जनता पार्टी ने निगम चुनाव के लिए दो प्रत्याशियों की नाम की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद काफी बवाल मचा। उस समय पहली सूची में पूजा सहगल तो अगले दिन जारी की गई दूसरी सूची में वंदना जेटली का नाम घोषित किया गया। अपना नाम काटे जाने से निराश पूजा सहगल ने प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से मिलकर अपना विरोध दर्ज किया था। इसके बाद मनोज तिवारी ने चुनाव अधिकारी के नाम एक पत्र लिखकर पूजा सहगल को ही पार्टी प्रत्याशी बताया और वंदना जेटली के चुनावी दौड़ से बाहर रखे जाने की बात कही।
खबर है कि मनोज तिवारी के पत्र की बात जानने के बाद वंदना जेटली ने इसका विरोध किया और वे एसडीएम ऑफीस पहुंच गईं। एसडीएम ऑफिस में भी वंदना जेटली ने हंगामा किया और एक बार तो उन्होंने स्वयं के तबियत खराब होने की बात कहकर एसडीएम से स्वयं के पक्ष में फैसला लेने का दवाब भी डाला, लेकिन एसडीएम ने दोनों प्रत्याशियों को सामने बैठकर आपसी बातचीत से समस्या का समाधान करने की सलाह दी।
अब खबर है कि दोनों प्रत्याशी किसी भी हालत में एक—दूसरे के सामने आकर बात करने को तैयार नहीं हैं। अर्थात् दोनों ही अपनी दावेदारी पर अड़े हुए हैं। इस पर विशेषज्ञों का मानना है कि अन्त में दोनों प्रत्याशियों को आपसी विचार—विमर्श के लिए एसडीएम कुछ घंटों का अल्टीमेटम देंगे, और अगर तब भी समाधान नहीं निकला, तो दोनों ही प्रत्याशियों का नामांकन रद्द कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि रानीबाग की निगम सीट भाजपा के लिए तब परेशानी का कारण बनी, जब पार्टी ने वहां से पहली सूची में पूजा सहगल तो दूसरी सूची में वंदना जेटली के नाम की घोषणा की।
रानीबाग वार्ड से भाजपा द्वारा प्रत्याशी बदले जाने से जहां क्षेत्रीय भाजपा कार्यकर्ताओं के उत्साह में कमी देखी गयी, वहीं अपना नाम बदले जाने से हताश पूजा सहगल भी अपना विरोध दर्ज करने पार्टी दफ्तर पहुंच गयीं। 14, पंत मार्ग पर पहुंचकर प्रत्याशी पूजा सहगल ने प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से मिलकर अपनी बात रखनी चाहीं, तो वहां सुरक्षा में तैनात बाउंसर व सहयोगियों ने उनके साथ धक्कामुक्की की। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष ने पूजा सहगल को अपने कक्ष में बुलाकर उनसे बात की, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर किस कारण से अंतिम समय में भाजपा ने अपना निगम प्रत्याशी बदला। यहां दिलचस्प बात यह है कि भाजपा के दोनों उम्मीदवार पूजा सहगल एवं वंदना जेटली ने ही अपने पर्चें दाखिल कर दिये। दोनों के पास भाजपा का सिंबल है।
सूत्रों की मानें तो रानीबाग वार्ड से भाजपा द्वारा उम्मीदवार बदलने के पीछे जितने मुंह उतनी बातें की गयीं। पूजा सहगल को कोई बाहरी बता रहा था, तो कुछ लोग प्रत्याशी बदलने के पीछे आरएसएस की मर्जी की बात कर रहें थे।
ख्ौर, बात कुछ भी हो, लेकिन पूजा सहगल को बाहरी कहना सही नहीं है क्योंकि ये और इनका परिवार दिल्ली में रहता है और इनका पारिवारिक व्यवसाय भी यही पास के मंगोलपुरी इंडस्ट्रियल एरिया में है।
दूसरी सूची में पूजा सहगल की जगह शामिल की गई वंदना जेटली भी यहीं की निवासी है और उनके पति पिछले निगम चुनाव में रानीबाग वार्ड से भाजपा उम्मीदवार रहे हैं, जिन्हें उस समय हार का मुंह देखना पड़ा था। पिछले चुनाव में हारने के बावजूद पूर्व भाजपा उम्मीदवार शशिदत्त जेटली की पत्नी को इस बार टिकट देना क्षेत्रीय लोगों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं को भी रास नहीं आ रहा है।