नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और उसे आम आदमी के हित में फैसला लेते हुए शराबबंदी लागू करनी चाहिए और अगर कुछ देखना हो तो बिहार जाकर सबक लेना चााहिए।
श्री कुमार ने आज यहां बदरपुर क्षेत्र में जनता दल युनाईटेड के निगम उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शराब बंदी पर सर्वोच्च न्यायालय का जो फैसला आया है उस पर तामील किए जाने की आवश्यकता है। लेकिन ऐसा देखने को मिल रहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग तथा राज्य राजमार्ग के किनारे शराब दुकान बंद करने के निर्णय के बाद अब इससे बचने के लिए इन दुकानों को शहरों में घुसा रहे हैं। अगर कहीं ऐसा हो रहा है तो उसका डटकर विरोध करते हुए अब पूरे देश मे शराबबंदी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग शराब पीने को अधिकारों से जोड़ते हैं लेकिन उन्हें बताया जाना चाहिए कि ये कोई मौलिक अधिकार नही है और परिवारों को तबाही से बचाने के लिए अब पूर्ण नशाबंदी की मांग चल रही है। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर फैली गंदगी और कूड़े कचरे को देख कर कहा कि कम से कम सफाई व्यवस्था तो होनी चाहिए। कई क्षेत्रों में कॉलोनियों में 12 महीने लोगों को कीचड़ का सामना करना पड़ता है। ये कौन सी दिल्ली है। यहां के मुख्यमंत्री कौन सी स्मार्ट सिटी बनाने की बात करते हैं। दिल्ली की कॉलोनियों में सड़कों की हालत देखकर तकलीफ होती है। ये राजधानी है जहां न सड़कें ठीक है, न ड्रेनेज ठीक है और न सीवरेज प्रणाली ठीक है। मगर इसे कोई देखने वाला नही और सारा दोष इंतजाम को दे दिया जाता है। श्री कुमार ने कहा कि उन्होंने टीवी, रेडियो और अखबार में प्रचार करके काम नही किया तथा 50 फीसदी महिलाओं को स्थानीय निकाय में आरक्षण दिया। जिसके बाद करीब सवा लाख महिलाएं स्थानीय निकाय में ही जाने लगी। लेकिन इसकी शेखी बघारने के लिए कोई प्रचार नही किया। बिहार में पांचवी कक्षा के बाद लड़कियां स्कूल छोड़ देती थी। हमने पोशाक योजना शुरू की। फिर साईकल योजना चलाई। समाज की सोच में बदलाव आ गया, मानसिकता बदली। यही तो सामाजिक परिवर्तन है। लेकिन राज्य सरकार ने इसके बावजूद कोई प्रचार नही किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध के ग्राफ में दिल्ली पहले नंबर पर है और बिहार 22वे नंबर पर, लेकिन दिल्ली की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिनके हाथों में,यह उन्हें देखना होगा। बेहतर है कि केंद्र का काम केंद्र करे, दिल्ली सरकार का काम दिल्ली सरकार करे और निगम का काम उसे करने दो।