- दरार आने के बाद झुककर गिरने की स्थिति में है यह अवैध छह मंजिला मकान
- एई पर कार्रवाई करने के बदले बिल्डर से सांठ—गांठ का आरोप
नई दिल्ली। एक बार फिर निगम बिल्डिंग विभाग के भ्रष्टाचार की बलि चढ़ने को तैयार हैं शकूरपुर एम ब्लॉक के लोग। खबर है कि यहां स्थित एक छह मंजिला मकान में पहले दरार पड़ी और फिर वह झुक गया। साइड से अपनी जगह छोड़ चुके इस जर्जर मकान पर कार्रवाई के लिए स्थानीय लोगों ने जब संबंधित सहायक अभियंता (एई) से शिकायत की, तो एई साहब समस्या सुलझाकर हादसे को टालने के बजाय बिल्डर से सांठ—गांठ में जुट गये। इस प्रकार आज भी उक्त मकान की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
गौरतलब है कि वार्ड नं. 70 रामपुरा के शकूरपुर एम ब्लॉक में मकान नं. 558 को पिछले दिनों पप्पू नामक बिल्डर ने खरीदा। खरीदने के उपरांत बिल्डर द्वारा उसमें सौंदर्यीकरण का कार्य करवाया जा रहा था, उसी दौरान यह मकान बगल में स्थित एमसीडी पार्क की तरफ झुक गया और इसमें दरार भी आ गयी थी। झुकने के बाद मकान को खाली करवाने के बजाय बिल्डर ने बॉस व लकड़ी का सर्पोट लगाकर स्थित संभालने की कोशिश की, साथ ही शातिराना ढंग से वहां दिख रहे दरार को टायल लगाकर ढक दिया। उक्त मकान के अगल—बगल स्थित अन्य मकान मालिकों को जब यह बात पता चली, तो उनका हलक सूख गया कि इस स्थिति में तो वे भी इसकी चपेट में आ जाएंगे। इसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत संबंधित सहायक अभियंता (एई) से की, लेकिन लोगों का आरोप है कि एई ने बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करने के बदले शिकायतकर्ता को ही समझाना शुरू कर दिया कि मकान में सर्पोट के लिए पर्याप्त पिलर मौजूद हैं और इस मकान से किसी को काई खतरा नहीं है।
इसके बाद स्थानीय लोगों में उस एई की बिल्डर से सांठ—गांठ और निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का साफ कहना है कि जब उस छह मंजिल मकान का निर्माण ही अवैध है, तो एई सबकुछ ठीक होने की बात कैसे कह रहे हैं। ऊपर से स्पष्ट रूप से दिख रहा बांस का सर्पोट चीख—चीखकर मकान के खतरनाक होने की कहानी बयां कर रहा है। लोगों के अनुसार निगम के भ्रष्टाचारी इंजीनियर ने रिश्वत लेकर बिल्डर को खुली छूट दे दी है कि वह वहां की लोगों की जिंदगी से खेले क्योंकि कमजोर व जर्जर होकर बुरी तरह झुक चुका और कोने से अपनी जगह छोड़ चुका यह मकान कभी भी धराशाही हो सकता है।
मकान की खतरनाक स्थिति को दखते हुए इलाके के लोगों ने प्रशासन से अविलंब मकान नं. एम—558 को खाली कराकर उसके अवैध हिस्से को तोड़ने की मांग की है। ताकि उसमें रह रहे लोगों की जान को भविष्य में आने वाले खतरे से बचाया जा सके।