नई दिल्ली। दिल्ली में भूकंप आने की स्थिति में जान-माल का नुकसान कम से कम हो इसके लिए जिम्मेवार एजेंसियां खासी सतर्क हैं। शुक्रवार सुबह 10 मेट्रो स्टेशन सहित दिल्ली में कुल 77 स्थानों पर एक साथ मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसकी निगरानी खुद दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल कर रहे थे। मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन विभाग के कर्मी व अर्ध सैनिक बल के सैकड़ों जवान सहित 32 सौ से ज्यादा सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों ने बचाव कार्य को अंजाम दिया। प्रभावित लोगों को कैट एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचा गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक भूंकप के मद्देनजर किया गया यह अपनी तरह का सबसे व्यापक प्रयास था।
मॉक ड्रिल की समीक्षा करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि इससे एजेंसियों को काफी कुछ सीखने को मिला है। वहीं, भविष्य में इससे आपदा प्रबंधन को और बेहतर करने में सहायता मिलेगी। राजस्व सचिव मनीषा सक्सेना ने बताया कि दिल्ली में भूंकप आने की स्थिति में बचाव कार्य की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल के नेतृत्व का जिम्मा नेशनल डिजास्टर मैनेजमेट अथॉरिटी (एडीएमए) को सौंपा गया था। राजधानी के सभी 11 जिलों में प्रमुख पांच स्थानों पर मॉक ड्रिल की गई। इसमें एनडीआरएफ, दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेट अथॉरिटी, अर्धसैनिक बल के जवान, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन विभाग और कैट एम्बुलेंस को लगाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह 10.25 बजे सूचना प्रसारित हुई कि दिल्ली में तीव्र गति का भूकंप आया है। इसके बाद सभी एजेंसियां मौके पर पहुंच बचाव-कार्य में जुट गई। करीब एक घंटे तक चली मॉक ड्रिल 11.30 बजे समाप्त हुई।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) अधिकारी ने बताया कि एक मेट्रो स्टेशन, एक रिहायशी कालोनी, एक कार्यालय स्थल, एक अस्पताल और एक शापिंग मॉल का चयन किया गया था। कॉल में बताया गया था कि दिल्ली में 7.9 तीव्रता से भूकंप आया है। वहीं, मेट्रो स्टेशन पर लिफ्ट टूटने, दीवार और सीढ़ी गिरने की परिस्थिति उत्पन्न की गई थी। सीआइएसएफ के जवानों ने सीलमपुर, रिठाला, पंजाबी बाग, अर्जनगढ़, सिविल लाइन, समयपुर बादली, नेहरू प्लेस, अक्षरधाम, कश्मीरी गेट और द्वारका सेक्टर-21 कुल 10 मेट्रो स्टेशन पर मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया। फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
राज निवास कार्यालय के मुताबिक 5- श्याम नाथ मार्ग पर मॉक ड्रिल के लिए राज्य समन्वय केंद्र जबकि सभी 11 जिलों में जिला समन्वय केंद्र स्थापित किया गया था। राजस्व विभाग के तमाम वरिष्ठ अधिकारी इसमें लगाए गए थे। सूचनाएं पुलिस कंट्रोल रूम और अग्निशमन कंट्रोल रूम से प्रेषित की जा रही थी। मौके पर लगी टीम रेडियो नेटवर्क पर काम कर रही थी। इस दौरान कहीं भी मोबाइल और अन्य फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इसमें अन्य एजेंसियों के अलावा 3226 सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक सहित 226 अग्नि शमनकर्मी और 97 कैट एम्बुलेंस की मदद ली गई। प्रत्येक एम्बुलेंस में दो पैरामेडिकल कर्मी मौजूद थे। इस दौरान 208 अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।