नई दिल्ली। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके में अवैध रूप से चल रहीं जींस रंगने की फैक्ट्रियों से हो रहे कैंसर मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसमें मुख्य रूप से पूर्वी दिल्ली निवासी आरोपी है। इसके अलावा दिल्ली सरकार को भी पार्टी बनाया गया है।
इस मामले में दिल्ली सरकार की भूमिका जानने के लिए सीबीआई शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय पहुंची। सीबीआई ने मुख्य सचिव डॉ.एमएम कुट्टी से मिलकर इस बात के दस्तावेज मांगे हैं कि इस मामले में दिल्ली सरकार की क्या भूमिका है? इस मामले में सरकार के कौन-कौन से विभाग जिम्मेदार हैं। इन विभागों के कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं।
बता दें कि शिव विहार में जींस रंगने वाली फैक्ट्रियों के प्रदूषण से फैल रहे कैंसर की बीमारी की अखबारों में खबरें छपने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। गत 25 मई को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था। खंडपीठ ने इस मामले में पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम बताने व विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।
इस आदेश को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई ने वीरवार को मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीबीआई आज दिल्ली सचिवालय पहुंची। बता दें कि फैक्ट्रियों से होने वाले प्रदूषण से कैंसर होने तथा लोगों की मरने की खबरें आने पर खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की थी कि आखिर रिहायशी इलाके में ये फैक्ट्रियां कैसे चल रही हैं। इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी और केमिकल से लोगों को कैंसर व अन्य जानलेवा बीमारियां हो रही हैं।
दूषित पानी जमीन में रिस रहा है। इलाके में जल बोर्ड के पानी की आपूर्ति नहीं होने की वजह से लोग मजबूरी में भूमिगत जल का उपयोग करते हैं। इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक आदेश में स्पष्ट किया है कि रिहायशी इलाके में ऐसी फैक्ट्रियां नहीं चलनी चाहिए। ऐसे में इस मामले की सीबीआई जांच जरूरी है।
समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार शिव विहार रिहायशी इलाके में बड़ी संख्या में जींस रंगने की फैक्ट्रियां चल रही हैं। फैक्ट्रियों के गंदे पानी से यहां दो लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है और आठ लोग संदिग्ध हैं।