नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हर हफ्ते एक राज्य के दौरे पर निकल रहे हैं। संगठन के कामकाज की समीक्षा के नाम पर वे अपनी पार्टी के मुख्यमंत्रियों के काम की रिपोर्ट भी तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा वे राज्यों में पार्टी के दूसरे नेताओं का मूल्यांकन भी कर रहे हैं। इस वजह से शाह को खुश करने के लिए भाजपा के मुख्यमंत्री कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
हर राज्य में प्रधानमंत्री से भी ज्यादा भव्य स्वागत शाह का हो रहा है। सोशल मीडिया में अमित शाह के आने की खबर ट्रेंड करे इसलिए दिल्ली से सोशल मीडिया की टीम उनके साथ जाती है। वे रात 12 बजे तक बैठक करते हैं और फिर ज्यादातर राज्यों में पार्टी मुख्यालय में ही उनके ठहरने का इंतजाम किया जाता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब भाजपा के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से कम और पार्टी अध्यक्ष से ज्यादा डरते हों। जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे तब राज्य के मुख्यमंत्री वाजपेयी और आडवाणी को ही अपना नेता मानते थे। कुशाभाऊ ठाकरे हों या वेंकैया नायडू या फिर जना कृष्णमूर्ति, वे कभी भी एक भी मुख्यमंत्री को उस तरह से आदेश नहीं दे पाए।
2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी
भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में मिशन 350+ के लिए कमर कस ली है। शाह के दौरों को इसी कड़ी में जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में मोदी और शाह ने राज्यों मुख्यमंत्रियों की बैठक ली है। इस बैठक में मुख्यमंत्रियों को कई निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में अमित शाह ने 2019 के आम चुनावों की रणनीति की रूपरेखा सार्वजनिक की है। शाह ने पार्टी के नेताओं से कहा है कि वह 120 सीटों पर विशेष ध्यान दें जिन पर जीत हासिल की जा सकती है। साल 2014 के चुनाव में भाजपा इन सीटों पर हार गई थी। पार्टी का लक्ष्य 2019 में 350 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करना है।
भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में मिशन 350+ के लिए कमर कस ली है। शाह के दौरों को इसी कड़ी में जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में मोदी और शाह ने राज्यों मुख्यमंत्रियों की बैठक ली है। इस बैठक में मुख्यमंत्रियों को कई निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में अमित शाह ने 2019 के आम चुनावों की रणनीति की रूपरेखा सार्वजनिक की है। शाह ने पार्टी के नेताओं से कहा है कि वह 120 सीटों पर विशेष ध्यान दें जिन पर जीत हासिल की जा सकती है। साल 2014 के चुनाव में भाजपा इन सीटों पर हार गई थी। पार्टी का लक्ष्य 2019 में 350 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करना है।