नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश आर्थिक प्रकोष्ठ के संयोजक विकास गर्ग ने दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए पूरी तरह से केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। श्री गर्ग का कहना है कि केजरीवाल सरकार की लापरवाही के चलते दिल्ली में सीएनजी वाहन प्रणाली लागू होने से पूर्व जो स्थिति थी आज उसी तरह के हालात प्रदूषण के मामले में दिल्ली में हो गए हैं।
भाजपा नेता विकास गर्ग का कहना है कि ऑड—इवेन वाहन चालन पद्धति लागू करने पर भी लोगों को आपत्ति नहीं मगर सरकार इस पर गंभीर नजर नहीं आती। ऑड—इवेन लागू करने का निर्णय आपातकालीन निर्णय की तरह 9 नवंबर को घोषित किया जाता है पर लागू करने की तिथि 13 नवंबर तय की जाती है। इस चार दिन के अंतराल को रखे जाने से ऑड—इवेन के एक आपातकालीन कदम होने की गंभीरता पर ही प्रश्न खड़ा हो जाता है।
विकास गर्ग ने कहा कि यूं तो पहले से ही यह स्थापित है कि स्वयं मुख्यमंत्री ने माना है कि पिछली बार लागू किए जाने पर ऑड—इवेन प्रदूषण कम करने में असफल रहा था पर आज एनजीटी की ओर से भी ऑड—इवेन को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े किए गए हैं। एनजीटी की टिप्पणियों ने केजरीवाल सरकार को एक संवेदनहीन प्रशासक के रूप में प्रस्तुत किया है। ऐसे में अब केजरीवाल सरकार यह बताए कि उसने ऑड—इवेन लागू करने का निर्णय किस आधार पर लिया। श्री गर्ग का कहना है कि इसी तरह केजरीवाल सरकार ने जनता और न्यायालय को भ्रमित करने के लिए पेड़—पौधों को धोने की बात रखी है पर क्या इतनी बड़ी दिल्ली में यह संभव है। सरकार यह बताए कि तीन वर्ष में सरकार ने प्रदूषणरोधी क्या कार्यक्रम बनाए, खासकर आकस्मिक स्थिति से जूझने के लिए। श्री गर्ग का कहना है कि आज दिल्ली में सभी को पता है कि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण धूल प्रदूषण है मगर सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कभी पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने तो कभी वाहन प्रदूषण पर दोष मढ़ने का प्रयास करती है, जबकि हकीकत यह है कि लोक निर्माण विभाग की सड़कों की सफाई की तरफ कभी ध्यान ही सरकार ने नहीं दिया है। इसी तरह से लोगों को विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था देने में भी केजरीवाल सरकार पूरी तरह से फेल हुई है।