इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ‘किस किसको प्यार करूं’ बड़े पर्दे पर कपिल शर्मा का ऐसा कॉमेडी शो है जिसके अधिकतर जोक्स आप पहले कई बार सुन चुके हैं। निर्देशक अब्बास मस्तान की अब तक की फिल्मों में यह सबसे कमजोर फिल्म है। लगता है कि निर्देशक जोड़ी ने सब कुछ पटकथा लेखक अनुकल्प गोस्वामी और कपिल शर्मा पर ही छोड़ दिया था। फिल्म देखकर यकीन नहीं होता कि यह ‘बाजीगर’, ‘हमराज’, ‘ऐतराज’, ‘बादशाह’ और ‘रेस’ श्रृंखला की दो फिल्में बनाने वाले निर्देशक की फिल्म है।
फिल्म की सारी कहानी शिव राम किशन- एसआरके (कपिल शर्मा) के इर्दगिर्द घूमती है। एसआरके को अलग अलग हालातों में ना चाहते हुए भी तीन शादियां करनी पड़ गयीं और इसी वजह से वह परेशान रहता है। उसे डर है कि यदि उसकी किसी भी पत्नी को सच्चाई पता लग गयी तो उसकी खैर नहीं। वह एक ही बिल्डिंग में अलग अलग फ्लोर पर अपनी पत्नियों के साथ रहता है। सभी से अलग अलग समय पर मिलने के लिए उसे हमेशा तरह तरह के बहाने बनाते रहना पड़ता है। उसकी एक गर्लफ्रैंड (एली अवराम) भी है जोकि पहले तो उसकी जिंदगी से दूर चली गयी थी लेकिन जब वह एसआरके के पास वापस लौटती है तो उसकी पारिवारिक कहानी में नया मोड़ आ जाता है। इस बीच शिव के माता-पिता (शरत सक्सेना और सुप्रिया पाठक) भी शहर आते हैं वह इस बात से अनजान हैं कि उनके बेटे ने क्या क्या गुल खिला रखे हैं।
अभिनय के मामले में कपिल शर्मा ठीकठाक रहे। वह अपने कॉमेडी शो की भांति जोक सुनाते ज्यादा नजर आये। इंटरवेल के बाद का उनका काम निराशाजनक रहा। वरूण शर्मा का काम अच्छा रहा। शरत सक्सेना और सुप्रिया पाठक ने प्रभावित किया। मंजरी फडनीस, सिमरन कौर मुंडी, साईं लोंकर, एली अवराम का काम सामान्य रहा। अरबाज खान ठीकठाक रहे। फिल्म का गीत संगीत निराशाजनक है। निर्देशक अब्बास मस्तान की जोड़ी से दर्शकों ने ऐसी फिल्म की उम्मीद नहीं की थी। फिर भी यदि आप टाइमपास करना चाहते हैं तो इस फिल्म को एक बार देखा जा सकता है।
कलाकार- कपिल शर्मा, मंजरी फडनीस, सिमरन कौर मुंडी, साईं लोंकर, अरबाज खान, वरुण शर्मा, शरत सक्सेना, सुप्रिया पाठक।