प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कथित रूप से रिश्वत लेने वाले बिहार के वरिष्ठ मंत्री के स्टिंग वीडियो के मुद्दे पर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पर हमले किए और उन पर भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले जयप्रकाश नारायण की विरासत का ‘‘अपमान’’ करने के आरोप लगाये। मोदी ने जातिवादी राजनीति में बिहार के प्रमुख केन्द्रों में शुमार जहानाबाद में एक चुनावी रैली करते हुए मतदाताओं को ‘बिहार के लेनिन’ के रूप से मशहूर अन्य पिछड़े वर्ग के एक दिग्गज नेता की 1974 में हुई हत्या की याद दिलाई।
उन्होंने महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार की सुशासन वाली छवि पर हमला करते हुए कहा कि जब राष्ट्र रविवार को जेपी को उनकी 113वीं सालगिरह पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा था, ‘‘यह आपको देखना है कि जो लोग खुद को उनके चेला कहते हैं, जो उनके पद्चिह्नों पर चल कर राजनीति में आए हैं, और जो दिन रात उनका नाम लेते रहते हैं, यहां किस तरह जेपी की वर्षगांठ मनाई।’’ पहले चरण के मतदान के महज एक दिन पहले रविवार को एक स्टिंग वीडियो सामने आया जिसमें वरिष्ठ मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा को कथित रूप से रिश्वत लेते दिखाया गया है। इस घटना के बाद कुशवाहा ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
मोदी ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे खराब बात यह है कि यह जेपी की सालगिरह पर हुआ। ‘‘यह उन लोगों ने किया जो जेपी की विरासत का दावा किया करते हैं। जेपी का यह अपमान कभी नहीं होना चाहिए था।’’ प्रधानमंत्री ने प्रसाद से कुमार के गठबंधन के साथ इस घटना को जोड़ते हुए कहा, ‘‘जब तक भाजपा सरकार का हिस्सा थी, इस तरह का कोई स्टिंग, कोई भ्रष्टाचार नहीं था। लेकिन जब से उन्होंने (कुमार ने) उस महान शख्स से हाथ मिलाया, जिनके पास इस तरह की विशेषज्ञता है, यह होना शुरू हो गया।’’ मोदी ने चारा घोटाला में प्रसाद की दोषसिद्धी का भी हवाला दिया। उन्होंने लोगों से पूछा, ‘‘अगर धन का यह खेल चलता रहा तो आप कहां जाएंगे। क्या आप 4 लाख रूपये देने में सक्षम होंगे।’’ जगदेव प्रसाद की हत्या का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जगदेव बाबू की हत्या कब हुई थी? जगदेव बाबू ने दबे-कुचलों और गरीबों के लिए लडाई लड़ी थी।’’ कांग्रेस के साथ तालमेल करने पर लगातार लालू और नीतिश पर हमला बोल रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जगदेव प्रसाद की हत्या हुई थी तो बिहार में कांग्रेस सत्ता में थी। मोदी ने कहा, ‘‘जगदेव बाबू मंत्री रहे, लेकिन उनकी हत्या कर दी गई थी। कौन लोग सत्ता में बैठे है जिन्हें तब आरोपों का सामना करना पड़ा था। दलितों और दबे कुचलों की आवाज तब दबा दी गई थी।’’