दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया चल रही है। पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या दो लाख तक पहुंच गई है। यदि ऊंची कटऑफ के डर से आवेदन करने से बच रहे हैं तो ऐसा न करें। डीयू में ऐसे कई कोर्स हैं, जिनमें 40 से 45 फीसद अंकों पर भी दाखिला मिल सकता है। खासतौर पर भाषा पाठ्यक्रमों में ऐसे विद्यार्थियों के लिए भरपूर अवसर हैं जो 40 से 70 फीसद अंक पाकर डीयू में अध्ययन का सपना संजोए हुए हैं। डीयू में डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा बताते हैं कि डीयू में हर साल एक सीट पर करीब पांच विद्यार्थी आवेदन करते हैं। आवेदन का आंकड़ा हर बार दो से ढाई लाख तक पहुंच जाता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि ऐसे विद्यार्थियों के लिए अवसर नहीं हैं, जिनका अंक प्रतिशत 40 से 70 फीसद के आसपास रहता है। डीयू में भाषा पाठ्यक्रमों में ऐसे विद्यार्थियों के लिए भरपूर अवसर हैं, जोकि अंक प्रतिशत के मामले में 80, 90 व 95 फीसद की दौड़ में शामिल नहीं हैं। हर साल कैंपस कॉलेजों में उर्दू, संस्कृत, ¨हदी, पर्शियन में 50 से 60 फीसद तक में दाखिला मिल जाता है। ऑफ कैंपस कॉलेजों में आखिरी दौर में कटऑफ 40-45 फीसद तक चली जाती है। इसलिए डीयू में दाखिले की इच्छा है तो कटऑफ से घबराए बिना सभी कोर्स में आवेदन करें। सेंट स्टीफंस कॉलेज में संस्कृत के शिक्षक डॉ. पंकज मिश्रा बताते हैं कि यहां संस्कृत ऑनर्स में 70 फीसद पर दाखिला होता है, इसलिए कटऑफ से घबराए नहीं। स्नातक की पढ़ाई को रोजगार से जोड़कर देखा जाता है। भाषा पाठ्यक्रम हो या फिर अन्य एकेडमिक विषय रोजगार के विकल्प सभी में समान हैं। संस्कृत को लेकर भ्रम फैलाया जाता है कि इसमें रोजगार के अवसर बेहद कम हैं, जबकि असलियत कुछ और ही है। इस बार ही संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के नतीजों को देखें तो संस्कृत विषय से 18 विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की। स्कूल, कॉलेजों में संस्कृत व अन्य भाषा पाठ्यक्रमों के शिक्षकों के लिए रोजगार के भरपूर अवसर हैं। डीयू में संस्कृत ऑनर्स में दाखिले के लिए दसवीं तक संस्कृत विषय जरूरी है।
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