कहा- जनता के बीच रखूंगा यह बात
Janmat ki pukar
नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले के बाद संसद में पिछले 15 दिनों से चल रहे हंगामे से खफा बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी का गुस्सा बुधवार को सामने आ गया। सदन में हंगामे को लेकर उन्होंने ना सिर्फ विपक्ष बल्कि सरकार पर भी नाराजगी जताई। जब संसदीय कार्यमंत्री और बीजेपी नेता अनंत कुमार ने उन्हें आगाह किया कि प्रेस गैलरी में मीडिया है तब भी आडवाणी का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वे इस बात को जनता के बीच रखेंगे।
यह वाकया उस वक्त का है, जब स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित की। उसके फौरन बाद आडवाणी भड़क गए। उन्होंने कहा, ‘न विपक्ष सदन चलने दे रहा है और ना ही स्पीकर और संसदीय कार्यमंत्री इसे चला रहे हैं। यह असम्मानजक है। सदन खुद ही चल रहा है।’ बाद में अनंत कुमार और एस.एस अहलूवालिया उन्हें सदन से लेकर बाहर गए और फिर गाड़ी में बिठाया। अनंत कुमार ने बाद में बताया कि आडवाणी सीनियर लीडर हैं और संसद में काम नहीं होने से खफा हैं।
बता दें कि आडवाणी बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के हिस्सा हैं। वे कई मौकों पर पहले भी पार्टी से अलग राय रख चुके हैं। मार्गदर्शक मंडल के एक अन्य नेता मुरली मनोहर जोशी से कुछ दिन पहले जब नोटबंदी के फैसले के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था। जोशी ने पहले तो मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ की थी लेकिन सात दिन बाद जब उनसे फिर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं चुप रहना बेहतर समझूंगा। तब जोशी ने कहा था, ‘यह एक राजनीतिक फैसला है और मैंने इस पर कुछ भी नहीं बोलने का फैसला किया है।’