नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कम खाना खाने से आप बुढ़ापे की रफ्तार को कम कर सकते है और लंबे एवं स्वस्थ्य जीवन को बढ़ावा दे सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना हैं कि अरबों का उद्योग है जो बुढ़ापे के लक्षणों से लड़ने के लिए उत्पाद को बनाते हैं लेकिन ये उत्पाद सिर्फ उपरी तौर पर ही असर करते हैं।
वैसे ये बुढ़ापे की प्रक्रिया एक कोशिकिय प्रक्रिया होने के साथ ही एक गहरी प्रक्रिया हैं। वैज्ञानिको के मुताबिक अब इस कोशिकीय प्रक्रिया को सुस्त किया जा सकता है।
एक नये शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि कम खाने से और कम कैलोरी के सेवन से बुढ़ापे कर प्रक्रिया को सुस्त किया जा सकता है। बुढापे के लक्षणों से लड़ने वाले उत्पाद को बनाने वाले अनुसंधान से यह जाना जा सकता है कि कैलोरी की कटौती से कैसे कोशिकाओं के अंदर का बुढ़ापा को प्रभावित किया जा सकता है।
अनुसंधाकर्ताओं ने पाया कि जब कोशिकाओं के प्रोटीन निर्माता राइबोसोम की सुस्त हो जाते है तब बुढ़ापे की रफ्तार भी धीमी हो जाती है। यह कमी उत्पादन में गिरावट लाती है लेकिन राइबोसोम को अपनी मरम्मत करने के लिए अतिरिक्त समय देते हैं।
अमेरिका के ब्राइगम यंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जाॅन प्राइस को कहना है कि राइबोसोम किसी बहुत जटिल मशीन की तरह है जो आपकी कार की तरह और अपने कल -पुर्जे को बदलने के लिए समय समय पर इसे मेनटेनेंस की जरूरत पड़ती हैं जो बहुत तेजी से घिसते हैं।