भाजपा की चुनाव समिति बनी नहीं, टिकट कौन तय करेगा

नई दिल्ली : नगर निगम चुनाव में प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा ने प्रक्रिया तेज कर दी है। आवेदन मंगाने के साथ ही प्रदेश व केंद्रीय नेतृत्व अलग-अलग सर्वे करा रहा है, लेकिन अब तक प्रदेश चुनाव समिति की घोषणा नहीं हुई है। इससे आवेदकों की चिंता बढ़ रही है। उन्हें लग रहा है कि समिति के गठन में हो रही देरी की वजह से प्रत्याशियों की घोषणा में भी देरी होगी। इसका असर चुनाव प्रचार पर भी पड़ेगा।

भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी ने नगर निगम चुनाव में जीत दोहराने के लिए पार्षदबंदी जैसा कठोर निर्णय लिया है। पार्षदों के साथ ही उनके परिजनों को भी टिकट नहीं देने का फैसला किया गया है। इससे पार्टी के सामने पहली चुनौती योग्य प्रत्याशियों की खोज है। वहीं इसके लिए अब तक चुनाव समिति भी नहीं बनाई गई है, जबकि लगभग एक महीने पहले इसका गठन हो जाना चाहिए था।

चुनाव समिति ही प्रत्याशियों का चयन करती है। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, तीनों महामंत्री व संगठन महामंत्री, प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष और कोर कमेटी के सदस्य शामिल होते हैं। प्रदेश अध्यक्ष अन्य नेताओं को भी समिति में शामिल कर सकते हैं। पार्टी ने कुछ दिनों पहले प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की घोषणा की थी। वहीं, सोमवार को नगर निगम चुनाव प्रबंधन से जुड़ी 15 कमेटियों की भी घोषणा कर दी गई है, लेकिन चुनाव समिति को लेकर कहीं कोई चर्चा नहीं है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि योग्य प्रत्याशियों के चयन के लिए समिति के पास पर्याप्त समय होना चाहिए। 27 मार्च से नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो जाएगा। ऐसे में समिति के गठन में हो रही देरी का असर प्रत्याशियों के चयन पर पड़ेगा। पार्टी के टिकट के लिए लगभग 16 हजार लोगों ने आवेदन किया है। इनमें से योग्य प्रत्याशी का चयन बड़ी चुनौती है। इसलिए पार्टी नेतृत्व को इस बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।

वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि रामलीला मैदान में 25 मार्च को पंच परमेश्वर का सम्मेलन है। इसके बाद चुनाव समिति की घोषणा कर दी जाएगी। प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं है। अच्छी छवि वाले योग्य उम्मीदवारों को नगर निगम चुनाव में उतारा जाएगा।

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