कांग्रेस ने पुराने मोहरों पर लगाया दांव

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने 140 वार्ड के लिए जारी की पहली लिस्ट से साबित किया है कि उसे अपने पुराने सिपाहियों पर भरोसा है। जहां भाजपा ने अपने एक भी पार्षद को टिकट न देने का ऐलान किया है। वहीं इससे उलट कांग्रेस ने अपनी परंपरा कायम करते हुए अधिक विवाद वाले वार्ड छोड़कर निवर्तमान 39 पार्षदों को टिकट दिया है। कांग्रेस की लिस्ट में कई ऐसे नाम भी हैं जो पिछली बार चुनाव हार गए थे या उन्हें टिकट ही नहीं दी गई थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इस तरह का प्रयोग कर कार्यकर्ताओं में एक अच्छा संदेश दिया है।

इससे पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस व भाजपा एक दूसरे की लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं। कहा यहां तक जा रहा था कि कांग्रेस भाजपा के टूटने का इंतजार कर रही है। इस तरह की बातें हो रही थीं कि टिकट न मिलने पर टूट कर आने वाले भाजपा पार्षदों को भले ही कांग्रेस टिकट न दे। मगर उनके परिवार के लोगों को टिकट दे सकती है। मगर भाजपा से एक कदम आगे बढ़कर कांग्रेस ने देर रात अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। कांग्रेस ने इस लिस्ट से अपनों का भरोसा भी जीता है और उनका मनोबल भी बढ़ाया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने यह समीकरण भी देखा है कि बदलते माहौल में सीट निकालने की कौन सा कार्यकर्ता दम रखता है। इस लिस्ट में कई ऐसे नाम भी हैं जो पूर्व में पार्षद रह चुके हैं। जो सीटें सामान्य से महिला हो गई हैं तो उन सीटों पर भी निवर्तमान पार्षदों के परिवार को ही प्राथमिकता दी गई है। हालांकि इस लिस्ट में ब्लाक अध्यक्षों की मांग पूरी होती नहीं दिख रही है। उनकी शिकायत बरकरार है कि भीड़ जुटाने के लिए उनका उपयोग होता है। मगर टिकट देने के समय उनकी राय तक नहीं ली जाती है। कांग्रेस ने उन सभी सीटों को रोक लिया है जिन सीटों पर टिकट को लेकर विवाद है।

इन्हें भी मिला टिकट

भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए चंद्रप्रकाश व आप छोड़कर आए अनिल मलिक को टिकट दे दिया गया है। इसके अलावा पूर्व पार्षद जयश्री पवार को भी टिकट दिया गया है।

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