नयी दिल्ली: नौकरानी का काम दिलाने के नाम पर किशोरी को दिल्ली लाकर उसके साथ दुष्कर्म के मामले में तीस हजारी अदालत ने कुख्यात मानव तस्कर बाबा बामदेव पर आरोप तय किए हैं . दुष्कर्म का मुकदमा वापस नहीं लेने पर बाबा ने किशोरी का अपहरण करवा लिया और फिर एक साल तक उसे दुष्कर्म का शिकार बनाया.
झारखंड पुलिस ने अगस्त 2014 में बाबा की गिरफ्तारी के वक्त यह दावा किया था कि उनकी एनजीओ “नेटिव आदिवासी डेवलेपमेंट सेवा संस्थान” दिल्ली में प्रत्येक वर्ष प्लेसमेंट मेला लगाने की आड़ में मानव तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क ऑपरेट कर रही है. नक्सली नेताओं से भी उनके संबंध होने के दावे किए गए.
पेश मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) ने आरोप तय करते वक्त कहा कि 2 अक्टूबर, 2013 से 22 नवंबर, 2014 तक आपने रोजाना पीड़िता से दुष्कर्म किया. इस दौरान उसके वीडियो भी बनाया गया. लिहाजा आप पर आइपीसी की धारा-376 के तहत अपराध बनता है. पीड़िता और उसके भाई का अपहरण कर उसे बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान उसके साथ संबंध बनाए गए. ऐसे में आइपीसी की धारा 365 व 366 के तहत आरोप बनता है.
संबंध बनाने से मना करने पर पीड़िता की इस कदर पिटाई की गई कि उसकी पैर की हड्डी भी टूट गई जिसके लिए धारा 325 के तहत आरोप बनता है. अदालत के समक्ष बयान नहीं बदलने पर उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी गई. इसके तहत आइपीसी की धारा 506 के तहत आरोप तय किया जाता है. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है