आप विधायक सोमदत्त को अदालत का समन

नई दिल्ली। अब आप विधायक पर चुनाव के समय गलत हलफनामा देने का आरोप लगा है, जिसे लेकर समन भी जारी किया जा चुका है। सदर बाजार से आप विधायक सोमदत्त के खिलाफ दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने गलत चुनावी हलफनामा देकर माता पिता के नाम पर मेडिकल सेवाओं के इस्तेमाल पर पेशी समन जारी किया जा चुका है। बुधवार को अदालत ने इस संबन्ध में आप विधायक को समन जारी किया है। आम आदमी पार्टी के काफी संख्या में विधायक किसी ना किसी विवाद में फंसते रहे हैं। इस बार भी सदर बाजार से विधायक सोमदत्त के खिलाफ दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने गलत चुनावी हलफनामा देकर माता पिता के नाम पर मेडिकल सेवाओं के इस्तेमाल मामले में पेशी समन जारी किया जा चुका है। बुधवार को अदालत ने इस संबन्ध में आप विधायक को अदालती समन जारी किया है। यह मामला 2013 से अदालत में चला आ रहा है,जिस पर बुधवार को अदालत ने ये आदेश जारी किया । इस संबन्ध में प्रवीन जैन से विधायक के खिलाफ शिकायत की थी। अदालत में शिकायत आने पर महानगर दंडाधिकारी अभिलाष मल्होत्रा ने अपने आदेश में कहा है कि यह स्पष्ट मालूम होता है कि सोमदत्त के माता पिता उनक पर निर्भर थे लेकिन उन्होंने यह बात जानबूझकर ये बात रिटर्निंग आफिसर से छुपाई। यही नहीें उन्होंने अपनी चल-अचल संपत्ति के बारे में सभी सही जानकारी नहीं दी। उन्होंने इसे प्रथम दृष्टया अपराध माना और जनप्रतिनिधि कानून की धारा 125ए आईपीसी की धारा-177 जिसमें सरकारी अधिकारी को गलत जानकारी देना और उसे सबूत की तरह इस्तेमाल किया जा सके। धारा 181 झूठा शपथ पत्र देना, धारा 199 के तहत आरोपी पाया गया है। अदालत ने आदेश दिया है कि वे 13 अक्टूबर 2013 को मामले की तारीख पर बतौर आरोपी पेश हों। इस मामले में शिकायतकर्ता प्रवीन जैन ने मांग की कि जालसाजी करने के लिए आईपीसी की धारा-464 के तहत आरोपी बनाया जाए। इस पर अदालत ने कहा कि इस धारा के लिए सबूत पर्याप्त नहीं हैं। अदालत ने यह भी पाया कि वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव से पूर्व विधायक ने हलफनामें में पत्नी प्रतिभा, बेटे पंकज को ही खुूद पर निर्भर बताया गया था। लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने दिल्ली सरकार कर्मचारी स्वास्थ्य योजना के तहत 11 फरवरी 2014 को अपने मेडिकल कार्ड में उन्होंने अपने माता पिता को भी स्वयं पर निर्भर बताया। यही नहीं वर्ष 2015 के चुनाव में भी यही बात दौहराई गई। अदालत का कहना है कि यह जानकारी देना नहीं बल्कि छुपाना है।

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