नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में आम आदमी पार्टी को क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ सकता है। वोटिंग के दौरान पार्टी के विधायकों और सांसदों को एकजुट कर पाना नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती है। दिल्ली में अब 67 के बजाए ‘आप’ के 65 विधायक बचे हैं। इनमें भी 5 विधायकों को ‘आप’ ने निलंबित कर रखा है।
4 विधायक अक्सर ‘आप’ के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। अंदरूनी खींचतान का असर भी वोटिंग में पड़ सकता है। पार्टी नेता कुमार विश्वास और शीर्ष नेतृत्व में भी ‘आपसी तालमेल’ का अभाव है। कुछ विधायक कुमार विश्वास के खेमे में माने जाते हैं। इनके वोट भी सुनिश्चित नहीं हैं। राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में कुमार द्वारा किया गया ट्वीट रामनाथ कोविंद के पक्ष में माना जा रहा है।
ओखला विधायक अमानतुल्ला खान ने कुमार विश्वास को भाजपा का एजेंट करार दिया था। इससे कई विधायकों में अमानत के खिलाफ गुस्सा देखा गया, जो कुमार खेमे में नजर आए। राजेश ऋषि, अलका लांबा, सोमनाथ भारती व आदर्श शास्त्री जैसे विधायक कुमार के घर भी पहुंचे। इन विधायकों के वोट भी निश्चित नहीं हैं।
पंजाब में भी ‘आप’ के 20 विधायक हैं। पार्टी नेता संजय सिंह कहते हैं कि ‘आप’ के 56 विधायक और 4 सांसद हैं। दूसरी ओर अभी तक ‘आप’ नेताओं ने अपना रुख साफ नहीं किया है कि वे किसे उम्मीदवार के पक्ष में वोट करेंगे? सूत्रों की माने, तो ‘आप’ नेतृत्व विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन कर सकती है। पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) इस पर जल्द फैसला करेगी।