नई दिल्ली। बवाना विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई है, मगर प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर अभी से मतदाताओं के दरवाजे पर दस्तक देनी शुरू कर दी है। ये दल इस सीट को जीतने के लिए हर दांव खेल रहे हैं। पिछले चुनाव में आप के पाले में गई सीट को बचाने के लिए खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल सक्रिय हैं। भाजपा नगर निगम चुनाव में मिली जीत के जश्न को यहां भी कायम रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम इसी क्षेत्र में आयोजित करने की रणनीति पर काम कर रही है।
विधानसभा में एक विधायक देखने को तरस रही कांग्रेस के भी कई पूर्व विधायक यहां डेरा डाले हुए हैं।
दिल्ली विधानसभा के आम चुनाव में खाता खोलने से भी वंचित रही कांग्रेस की अब तक सबसे ज्यादा सक्रियता इस क्षेत्र में दिख रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने अपने भरोसे के नेताओं को इस क्षेत्र में जिम्मेदारी सौंपी है। आधिकारिक तौर पर पूर्व सांसद सज्जन कुमार को तो अभी नहीं लगाया गया है, लेकिन इस क्षेत्र में आज भी सज्जन कुमार के प्रभाव को देखते हुए उनके समर्थकों को जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि उप चुनाव की घोषणा होते ही कमान सज्जन कुमार के हाथ ही होगी। यहां से उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार को सज्जन कुमार का ही समर्थक माना जाता है। चुनावी नैया पार करने के लिए कांग्रेस अपने स्तर पर सर्वे भी करवा रही है। साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र के 379 बूथों की जिम्मेदारी स्थानीय कार्यकर्ताओं सहित अन्य क्षेत्रों के नेताओं को दी गई है। बूथ स्तर पर कमेटियों का गठन करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व विधायक देवेंद्र यादव, विजय लोचव, मास्टर विजेंद्र ¨सह, अनिल भारद्वाज सहित अभी तीन जिलाध्यक्षों को भी यहां लगाया गया है। जिनमें हरिकिशन ¨जदल, इंद्रजीत एवं सु¨रदर पाल ¨सह बिट्टू शामिल हैं। इन नेताओं के अलावा एक दर्जन पार्षदों को यहां अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी को चुनाव की घोषणा होने से पहले घर-घर जाकर संपर्क करने के लिए कहा गया है। रणनीति पूरी तरह से सफल रहे, इसके लिए खुद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन निगरानी रख रहे हैं। वे चुनाव की घोषणा होते ही इस क्षेत्र में डेरा डालेंगे। करो या मरो की नीति पर चल रही कांग्रेस इस उप चुनाव को अपने लिए अच्छा अवसर मान रही है।
भाजपा भी इसी क्षेत्र में केंद्रित
भारतीय जनता पार्टी भी हर हालत में इस क्षेत्र से चुनाव जीतना चाहती है। हालांकि अभी उम्मीदवार की विधिवत घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी के रणनीतिकार जो भी कार्यक्रम कर रहे हैं उनकी पूरी कोशिश इसी विधानसभा क्षेत्र में उन्हें आयोजित करने की है, जिससे मतदाताओं को समझाया जा सके कि किस तरह से भाजपा ही दिल्ली के हित में हैं। इसी रणनीति के तहत उत्तर पश्चिम जिला भाजपा ने तीन दिवसीय मोदी फेस्ट का आयोजन भी इस विधानसभा क्षेत्र के सबसे पिछड़े और समस्याग्रस्त माने जाने वाले शाहबाद डेयरी इलाके में किया। इसके माध्यम से यहां के लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दी गई।
आप ने झोंकी ताकत
आम आदमी पार्टी भी इस क्षेत्र में पूरी ताकत झोंके हुए है। खुद मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल इस क्षेत्र में लगातार दौरे कर रहे हैं। आप के प्रदेश संयोजक गोपाल राय सहित दिल्ली सरकार के अन्य मंत्री व विधायक भी यहां लोगों से लगातार संपर्क कर रहे हैं। आसपास के विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को यहां आप ने पूरी जिम्मेदारी दी है।