बवाना औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को बकाया सीईटीपी व पानी शुल्क पर राहत

नई दिल्ली। बवाना औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को बकाया पानी बिल तथा कॉमन एफ्लूअंट ट्रीटमेंट प्लाट (सीईटीपी) शुल्क रियायत के साथ भरने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। 28 जुलाई तक बकाया बिल जमा करने पर उनका ब्याज माफ हो जाएगा। बवाना इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिसे दिल्ली सरकार ने बवाना औद्योगिक क्षेत्र को पीपीपी मॉडल के तहत रखरखाव की जिम्मेदारी दी है, कंपनी ने पहली बार सीईटीपी व पानी का बकाया शुल्क भरने पर उद्यमियों का ब्याज माफ करने का फैसला किया है।  पुनर्वास योजना के तहत बसाए गए बवाना औद्योगिक क्षेत्र में करीब 16,000 औद्योगिक इकाइयों को आवंटन हुआ है। इनमें से पांच से छह हजार उद्यमियों ने शुरू से ही यानी वर्ष 2012 से सीईटीपी व पानी का बिल जमा नहीं किया है। ब्याज माफ करने के फैसले से उद्यमियों को एक लाख रुपये से अधिक फायदा हो सकता है। बवाना चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के चेयरमैन प्रकाश चंद जैन के अनुसार शुरू से ही जिस उद्यमी ने सीईटीपी व पानी शुल्क अब तक जमा नहीं किया है और जो 250 मीटर की औद्योगिक इकाई चला रहा है, उसके बकाये पर ब्याज माफ होने से करीब एक लाख रुपये की बचत होगी।

हालाकि उद्यमियों का आरोप है कि कंपनी पानी दिए बिना ही उनसे बिल माग रही है। कंपनी के पास उद्योग को देने को पर्याप्त पानी भी नहीं है। चूंकि कंपनी ने शुल्क न भरने पर कानूनी कार्रवाई करने के नोटिस भेजे हैं। ऐसे में उद्यमियों को सीईटीपी और पानी के कनेक्शन काटे जाने का डर है। इसलिए उद्यमी बिना सुविधा के बिल भरने को मजबूर हैं। हाल ही में बवाना औद्योगिक क्षेत्र के कुछ उद्यमियों ने दिल्ली के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन से मुलाकात कर बिना पानी दिए बिल मागे जाने की शिकायत की थी।

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