विशेष संवाददाता। दिल्ली नगर निगम भले ही ईमानदारी की कितनी भी दुहाई दे, मगर बिल्डर के हौसले बुलंद है। तमाम सिस्टम को जेब में रखने वाले बिल्डर की मनमानी के सामने सब बेबस है। खुलेआम अवैध बेसमेंट की खुदाई हुई कोई नहीं बोला, प्लॉट पर जमकर अवैध निर्माण जारी है, मगर सबके मुंह पर ताले लग गए हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं कोहाट वार्ड स्थित महेन्द्रा पार्क में संपत्ति संख्या 3417 पर जारी अवैध निर्माण की। हवा में झूलते चार इंच की दिवारें पर पांच मंजिल खड़ी कर ताश के पत्तों का महल तैयार हो रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि ईमानदारी का ढ़िढ़ौरा पीटने वाली दिल्ली नगर निगम व प्रशासन इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए है।
संवाददाता से बातचीत में स्थानीय लोगों ने बताया कि बिल्डर के ज्यादती के खिलाफ कई बार शिकायत की मगर प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है। बिल्डिंग के हवा में झूलते छज्जों पर पूरी बिल्डिंग का लोड डाला गया है। सड़क पर हर तरफ बिल्डिंग मैटिरियल व मलबा बिखरा हुआ है। सरकारी भूमि अतिक्रमण किया गया है।