जंतर-मंतर छोड़ने को तैयार नहीं प्रदर्शनकारी

नई दिल्ली : जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को यहां से हटने के लिए नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया है कि पांच अक्टूबर को एनजीटी ने एक मामले में सुनवाई करते हुए ध्वनि प्रदूषण के मद्देनजर धरना स्थल से सभी को हटने का आदेश दिया है। प्रदर्शनकारियों ने नोटिस का विरोध किया है। उनका कहना है कि वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। पिछले सौ दिनों से आर्थिक सुरक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने कहा कि वे धरना स्थल छोड़कर नहीं जाएंगे। वे नोटिस के खिलाफ कानूनी सलाह ले रहे है। गोरखालैंड राज्य की मांग कर रहे गोरखालैंड संयुक्त संघर्ष समिति के वरिष्ठ सदस्य किरन बीके ने कहा कि करीब 150 दिन से संगठन के सदस्य यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस इस तरह नोटिस जारी कर प्रदर्शनकारियों को नहीं हटा सकती है। वन रैंक वन पेंशन को लेकर प्रदर्शन में शामिल माला शर्मा और सुदेश गोयत ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ यहीं से आंदोलन होगा।

.’मुर्दे’ को भी मिला नोटिस

जंतर-मंतर पर पांच साल से खुद को जिंदा साबित करने के लिए लड़ाई लड़ रहे संतोष मूरत सिंह को भी नोटिस मिला है। उत्तर प्रदेश निवासी संतोष ने नोटिस को सकारात्मक रूप में लिया है। उनका कहना है कि नोटिस जिंदा लोगों के नाम जारी होता है। इस संबंध में कानूनी सलाह ले रहा हूं। आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, इसलिए कुछ संगठनों से भी संपर्क किया है। गौरतलब है कि संतोष बनारस के गाव छितौनी के रहने वाले हैं। वह जनवरी 2012 से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं। वह मुंबई में अभिनेता नाना पाटेकर के यहा काम कर चुके हैं। वर्ष 2003 में कुछ रिश्तेदारों ने संपत्ति मामले को लेकर उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद से वह खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद कर रहे हैं।

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