उड़द दाल के दाम में तेजी से पापड़ उद्योग परेशान

चेन्नईmoong-dal-papad1। तमिलनाडु में पापड़ बनाने वालों के लिये इन दिनों समस्या बढ़ गयी है। स्वादिष्ट पापड़ बनाने के लिये प्रमुख कच्चा माल उड़द दाल के दाम में अचानक से आयी तेजी से उद्योग की स्थिति खराब हो रही है। राज्य में किसी भी कार्यक्रम में भोजन में करारा पापड़ यानी परंपरागत अप्पालम का काफी महत्व है। उड़द दाल की कीमत में तीव्र वृद्धि से पापड़ विनिर्माता परेशान हैं और उन्होंने मामले में हस्तक्षेप के लिये राज्य एवं केंद्र सरकारों से आग्रह करना शुरू कर दिया है। तमिलनाडु अप्पालाम मैनुफैक्चर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्रन ने कहा, इससे पहले हमें कभी भी ऐसी स्थिति से पाला नहीं पड़ा। हाल के दिनों में उड़द दाल की कीमत में तीव्र वृद्धि हुई है। उड़द दाल की कीमत पिछले साल से तिगुनी हो गयी है। पिछले साल जहां उड़द दाल की कीमत 6,000 रुपये प्रति क्विंटल थी, वह अब बढ़कर 18,000 रुपये क्विंटल हो गयी है। उन्होंने कहा, कीमत में अचानक वृद्धि से ग्राहकों को भोजन में पापड़ परोसना बंद कर दिया गया है। मुझे पता चला है कि वे इसकी जगह चिप्स या ऐसी ही दूसरी चीजें दे रहे हैं। सुरेन्द्रन के अनुसार 750 करोड़ रुपये के पापड़ उद्योग में करीब 3.50 लाख लोग कार्यरत हैं। इसमें करीब 5,000 कंपनियां काम कर रही हैं और इनमें से करीब 75 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विनिर्माताओं द्वारा आनलाइन कारोबार और जमाखोरी से उड़द दाल की कीमत में तेजी आयी है। सुरेन्द्रन ने कहा कि जब केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण पिछले सप्ताह कोयंबटूर आयीं थी, एसोसिएशन ने मामले को उठाया था। उन्होंने कहा, हमारी अर्जी को सुनने के बाद उन्होंने कहा कि मंत्रालय मामले पर विचार करेगा। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि सरकार ने प्याज के दाम को काबू में करने के लिये जिस प्रकार आयात का निर्णय किया, उसी प्रकार इस मामले में भी कदम उठाये। सुरेन्द्रन ने कहा, हमने इस बारे में अपनी बातें रखने के लिये राज्य सरकार के अधिकारियों से भी समय मांगा है। अगले सप्ताह उनसे मुलाकात होने की उम्मीद है।

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