नई दिल्ली। मकान या किसी प्लॉट के खरीद-फरोख्त करते समय बिल्डर अब बायर्स को बकाया प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर और अधिक दिनों तक अंधेरे में नहीं रख सकते। मामले को सुलझाने के लिए दिल्ली सरकार प्लान बना रही है कि रजिस्ट्री के दौरान ही बकाया टैक्स का भुगतान हो जाए, ताकि बाद में बकाया टैक्स भुगतान करने का बोझ बायर्स को न उठाना पड़े। इसके लिए सरकार तीनों निगम की वेबसाइट को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस की वेबसाइट से लिंक करेगी, ताकि रजिस्ट्री के दौरान ऑनलाइन ही यह पता चल सके कि उक्त प्रॉपर्टी टैक्स बिल्डर ने जमा किया है या नहीं। साउथ निगम के एक सीनियर अफसर के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर अकसर बिल्डर और बायर्स के बीच विवाद बना रहता है। बिल्डर किसी मकान को बेच तो देता है, लेकिन वह बायर्स को यह नहीं बताता कि मकान का टैक्स कितना बकाया है। एक बार प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन होने के बाद बकाया टैक्स भुगतान करने की लायबलिटी बायर्स पर आ जाती है। बायर्स को जब इस बात का पता चलता है, तो वह बिल्डर के खिलाफ शिकायतें करता है। लेकिन, तब तक मामला हाथ से निकल चुका होता है। पिछले दिनों दिल्ली सरकार के अफसरों और निगम अफसरों के बीच मीटिंग हुई थी। इस दौरान यह प्लान बनाया गया कि सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में मकानों या खाली प्लॉटों के रजिस्ट्री के दौरान बकाया प्रॉपर्टी टैक्स का कलेक्शन किया जाएगा, ताकि बाद में बकाया प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान करने का बोझ बायर्स पर न हो। इसके लिए सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में निगम के कुछ कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा। पहले बिल्डर्स वहां बकाया टैक्स को क्लियर कराएंगे और इसके बाद रजिस्ट्री होगी।
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