दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। सीएम ने कहा कि पाकिस्तान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्या डील हुई है? इसका जवाब देश की जनता जानना चाहती है। पठानकोट हमले की जांच पाकिस्तानी एजेंसियों से क्यों कराई जा रही है, इससे देश की जांच एंव सुरक्षा एजेंसियों में भी गुस्सा है। केजरीवाल ने जांच प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से एक बड़ी बिजनेस डील की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे देश की सुरक्षा व जांच एजेंसियों का मनोबल टूटा है और उनमें केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी है। यह जांच पाकिस्तानी एजेंसी के बजाए देश की एजेंसियों से कराई जानी चाहिए थी। दिल्ली विधानसभा में उप राज्यपाल के अभिाभाषण प्रस्ताव पर धन्यवाद पेश करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उनके कार्यालय पर सीबीआई से रेड करवाती है और देश पर हमले की बात सामने आती है तो उसकी जांच पाकिस्तान को सौंप रही है। इसकी दिल्ली सरकार कड़े शब्दों में निंदा करती है। ऐसा करके केंद्र सरकार ने सुरक्षा एंव जांच एजेंसियों के मनोबल को भी तोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि देश जानता है कि हमारे सैनिक सीमा पर शहीद हो रहे हैं और इसके अतिरिक्त देश में आंतकी गतिविधियां बढ़ी है। इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है और पाकिस्तान को प्रधानमंत्री ने गले से लगा लिया है। पहले भारत की जांच एजेंसियां को जाना चाहिए था: पठानकोट हमले की जांच के लिए सबसे पहले देश की एजेंसियों को भेजा जाना चाहिए था। ऐसा न करके केंद्र सरकार ने उल्टे पाकिस्तान की एजेंसी को जांच सौंपी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके पीछे केंद्र सरकार की क्या मजबूरी थी, यह स्पष्ट करनी चाहिए। ऐसा करके केंद्र सरकार सरकार ने देश को बदनाम किया है। उन्होंने कहा कि हाफिस सईद व सलाउद्दीन की जांच हमारी एजेंसियों क्यों नहीं कर रही हैं। लोग कहते है नोबल पुरस्कार चाहते है पीएम: मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग कहते है कि यह सब नोबल पुरस्कार के लिए हो रहा है। भारत पाकिस्तान के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत था। पहले आंतकियों के मामले में भारत द्वारा जांच होनी चाहिए। उन्होंने जांच एजेंसी पर ही सवाल खड़ा किया है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ अपनी रिपोर्ट क्यों और कैसे देगी। इस प्रक्रिया में पठानकोट हमले के दोषी बच जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया के माध्यम से प्रधानमंत्री किसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ज्वैलर कारोबारियों का किया समर्थन, केंद्र को घेरा: मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार जहां एक तरफ कारोबारियों को राहत दे रही है। वहीं केंद्र सरकार नया टैक्स लगाने की कोशिश कर रही है। इस कोशिश का देशभर में विरोध हो रहा है। इसके बाद भी यह टैक्स वापस नहीं लिया जा रहा है। सरकार ने इन कारोबारियों पर एक प्रतिशत सर्विस टैक्स लगाया है। पूर्ण कागजी प्रक्रिया में ही करोड़ों रुपये की गड़बड़ियां हो जाएंगी। इससे सरकार को कुछ नहीं मिलने वाला है। इसे सरकार को वापस लेना चाहिए। सरकार कारोबारियों के साथ है और इस मामले में राष्ट्रपति को भी एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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