नयी दिल्ली। (आरके जायसवाल) दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे जल बोर्ड में चल रहे व्यापक भ्रष्टाचार की समयबद्ध जांच दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से कराकर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल भेजें।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने पानी के कनेक्शन नियमित करने के लिए योजना चलाई है। इसके अनुसार जिन नागरिकों के घरों में पानी के कनेक्शन हैं लेकिन मीटर नहीं लगा है, उन घरों में लोग अपनी पसंद का मीटर, जो कि सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है, को लगाकर अधिभार और जुर्माने से बचें। इस योजना की आड़ में जल बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी तथा आम आदमी पार्टी के लोग भारी भ्रष्टाचार करके करोड़ों रूपये कमा रहे हैं।
ऐसे ज्यादातर कनेक्शन अनाधिकृत कॉलोनियों में हैं। इन कॉलोनियों के लोगों ने सरकार द्वारा अधिकृत किए गए पानी के मीटर बाजार से महंगे दामों पर खरीद कर अपने कनेक्शन को नियमित कर लिया है। जब वे जल बोर्ड के राजस्व कार्यालयों में अपने घर में लगा नया पानी का मीटर जल बोर्ड के कागजों में चढ़वाने के लिए जाते हैं, तब उनका सामना दलालों और जल बोर्ड के अधिकारियों तथा कर्मचारियों से होता है। ये लोग पानी के मीटर की जल बोर्ड के रजिस्टर में एन्ट्री करवाने के लिए तीन हजार रूपये की रिश्वत वसूल रहे हैं। जो नागरिक रिश्वत की रकम अदा कर देता है, उसके पानी के मीटर की एन्ट्री जल बोर्ड के कागजों में कर ली जाती है। जो गरीब आदमी रिश्वत की रकम चुका पाने में असमर्थ होता है, उसके मीटर के एन्ट्री नहीं की जाती है और जल बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी उनके ऊपर भारी जुर्माना लगाकर बिल भेजने की धमकी दे रहे हैं।
श्री गुप्ता ने आगे बताया कि ऐसे मामले उन सभी जल बोर्ड राजस्व कार्यालयों में कभी भी औचक निरीक्षण करके देखे जा सकते हैं, जो कार्यालय अनाधिकृत कॉलोनियों के पानी के कनेक्शन और पानी के बिलों का मामला देखते हैं। श्री गुप्ता ने बताया कि उनके पास आकर सुल्तानपुरी स्थित दिल्ली जल बोर्ड के राजस्व कार्यालय में चल रहे इस गोरखधंधे की शिकायत दर्जनों भुक्तभोगियों ने की है। नजफगढ़, विकासपुरी, किराड़ी तथा बाहरी दिल्ली के अनेक विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत बसी अनाधिकृत कॉलोनियों में नागरिकों से रिश्वत वसूलने का कार्य इन दिनों तेजी से चल रहा है। नागरिकों का कहना है कि सरकार का कोई भी मंत्री, विधायक या अधिकारी उनकी शिकायत सुन नहीं रहा है। हालात इतने खराब हैं कि जल बोर्ड के कार्यालयों में सीट और कम्प्यूटर पर बैठे अधिकारी और कर्मचारी मीटर की एन्ट्री करने के लिए खुलेआम रिश्वत मांग रहे हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेन्स की बात करने वाली आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की यही असलियत है।