नई दिल्ली। देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी मुस्लिम महिलाओं के विकास एवं प्रशासन में उनकी भागीदारी, उन्हें सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी कैसे मिले, इस बारे में प्रधानमंत्री सोचें न कि मुस्लिम मसलों में पड़ें। आज प्रधानमन्त्री के साथ पूरा मुस्लिम समाज खड़ा है। तीन तलाक के मसले को सही से समझने की ज़रूरत है। हम भी मुस्लिम समुदाय से इस बात की अपील करते हैं कि तीन तलाक को पहले वे समझें, फ़िर फ़ैसला करें। बीबी से इस तरह सम्बन्ध ख़त्म करना गलत ही नहीं कई मायनों में कानून व शरीयत के खिलाफ है। ये बातें हज़रत मौलाना तौफिक रजा मुरादाबादी ने वजीरपुर मछली मार्किट में आयोजित अशिकने अहल ए बैत शहीदे ए आज़म कॉन्फ्रेन्स में कहीं। साथ ही प्रोग्राम में मौजूद हजारों की तादात में मुस्लिम महिलाओं और युवाओं को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिये बयान किया। मौलाना नईम उल्लाह खान इमाम मस्जिद अ्क्स्शा ने देश में भाईचारे और हिंदू—मुस्लिम एकता का बयान किया और रसूल पाक की सुनत लोगों को बतायी और साथ ही अन्य लोगो ने नात बयान किया।
प्रोग्राम मे मुख्य अथिति विधायक राजेश गुप्ता, एसएचओ वीरेंद्र कदयान, चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार, विकास गोयल, मुफ्ती अतीकुर्र्हमान, मूकर्रम, हाफिज अंसार हुसैन, एजाज अहमद मौजूद थे। मंच का संचालन सलीम, समाजसेवी रफीक रहमत, अनीस अहमद, गुड्डू भाई, हबीब, नाजिम, नासिर आदि लोगो ने किया।