नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी कमोबेश वही प्रचार रणनीति अपनाई है जो विधानसभा चुनाव के दौरान देखने को मिली थी। सोशल मीडिया के जरिए, वोटरों से सीधा संवाद, यह मुहिम बेहद कारगर साबित हुई थी। अब पार्टी ने एक व्हाट्सअप नंबर जारी कर लोगों से पूछा है कि वे बताएं, आप सरकार की ‘बिजली हाफ और पानी माफ, योजना का उन्हें कितना फायदा हुआ है। साथ ही आप ने फेसबुक और ट्वीटर पर दिल्ली सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों का वीडियो बनाकर डाल दिया है। इसमें आप सरकार के मंत्रियों के साथ बच्चों और बड़ों के संवाद शामिल हैं। फिलहाल आप ने लोगों से अपील की है कि वे दिल्ली सरकार के साथ अपने अनुभवों वाला वीडियो बनाकर उसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास भेजें। पार्टी ने इसके लिए व्हाट्सअप नंबर 8588833400 जारी किया है। लोगों को अपने वीडियो में यह बताना होगा कि कांग्रेस सरकार के दौरान उनका बिजली का बिल कितना आता था और अब कितना आता है। पानी का बिल पहले कितना भरना पड़ता था, जो अब आपको देना ही नहीं पड़ता। जनता के साथ संवाद करने के लिए आप ने एक नया तरीका अपनाया है। अभी तक शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी कार्य हुए हैं, आप लोगों के बीच वीडियो बनाते हुए उनसे यह सवाल पूछ रही है। मसलन, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया एक सरकारी स्कूल में पहुंचे तो बच्चों ने उन्हें अपने सपनों के बारे में बताया। बच्चों में से एक ने कहा, मुझे डॉक्टर बनना है, मुझे एयर हॉस्टेस और मुझे इंजीनियर..। इसी बीच एक लड़की ने कहा कि वह बनना तो डॉक्टर चाहती है, लेकिन उसका परिवार इसका खर्च नहीं उठा सकता। मनीष सिसोदिया ने कहा, बेटा आप तो मेहनत करो, हम हैं ना। कांग्रेस और भाजपा के शासनकाल में निगम के स्कूलों की हालत दयनीय हो गई है। सरकारी स्कूलों का भी बुरा हाल था। आप सरकार ने केवल दो वर्षों में इतना सुधार कर दिया है कि जो वे बीस साल में भी नहीं कर सके। एक दिन में कितने लोगों ने वीडियो देखा, पार्टी इसका फीडबैक भी लेती रहती है। निगम चुनाव में भाजपा के दूसरे राज्यों से आने वाले स्टार प्रचारकों को आप के स्थानीय नेता टक्कर देंगे। आप ने दिल्ली के सभी वार्डों में करीब 1000 जनसभाएं कराने की योजना तैयार की है। एक वार्ड में छोटी-छोटी जनसभाएं की जाएंगी। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि छोटी सभाओं में नेता बड़ी संख्या में आम लोगों से मुलाकात कर उनका दुख-दर्द सांझा कर लेते हैं। मतदाताओं पर इसका गहरा असर होता है। जनवरी 2015 में भाजपा के 300 सांसद व मंत्रियों ने दिल्ली में डेरा डाला था। इनकी कई सभाओं में आम लोगों से ज्यादा नेता ही दिखाई पड़ते थे। बाद में चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया कि दिल्ली के लिए इस तरह की रणनीति कारगर नहीं हो सकती। इसके बावजूद, भाजपा एक बार फिर पुरानी गलती दोहराने जा रही है। आप के दिल्ली प्रदेश प्रभारी आशीष तलवार का कहना है कि हमारी प्रचार रणनीति दिल्ली केंद्रित है। यहां के लोग दिल्ली की समझ रखने वाले नेताओं को सुनना चाहते हैं।
Related posts
-
दुर्गा पूजा,नवरात्रि और रामलीला कार्यक्रमों के आयोजनों से व्यापार और अर्थव्यवस्था मज़बूत : सांसद प्रवीन खंडेलवा
नई दिल्ली। देश भर में पिछले दस दिनों में दुर्गा पूजा,नवरात्रि और रामलीला जैसे अन्य पारंपरिक... -
दिल्ली में हुआ फिल्म ‘जिगरा’ का प्रमोशन
हाल ही में फिल्म ‘जिगरा’ की स्टारकास्ट प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली आई थी। नई दिल्ली... -
प्रियंका बोलीं- केंद्र में प्रधानमंत्री अडानी-अंबानी तो जम्मू-कश्मीर में एलजी अपने मित्रों को आगे बढ़ा रहे
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को कहा कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को अपने राजनीतिक शतरंज का...