दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में चल रहे है अनेक घोटाले: मनोज तिवारी

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शुक्रवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा है कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में अनेक घोटाले चल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन की बेटी कि सलाहकार पद पर नियुक्ति का मामला हो, मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के रिश्तेदार डाॅ. निकुंज अग्रवाल को ओएसडी बनाने का मामला हो, मोहल्ला क्लीनिकों की स्थापना में हुई आर्थिक एवं प्रशासनिक धांधली या फिर दिल्ली सरकार के अस्पतालों मंे सुरक्षा एजेंसियों की नियुक्ति का हो इन सभी मामलों मंे अरविन्द केजरीवाल सरकार ने अनियमिततायें बरती हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री के तत्कालीन सचिव राजेन्द्र कुमार के कार्यालय पर छापा पड़ा था तब उन्होंने इसे एक व्यक्तिगत द्वेष का मामला बना कर केन्द्र सरकार के विरूद्ध दबाव बनाने की कोशिश की थी पर कुछ ही दिन बाद यह साबित हो गया था कि राजेन्द्र कुमार ने गंभीर भ्रष्टाचार किया है और गत एक वर्ष से मुख्यमंत्री उस पर वापस कभी नहीं बोले। श्री तिवारी ने कहा कि कल जब स्वास्थ्य सचिव तरूण सीम के कार्यालय पर छापा पड़ा तो पुनः अरविन्द केजरीवाल ने इसे एक साजिश बनाते का प्रयास किया है जबकि सत्य यह है कि इस अधिकारी को हटाने के आदेश उपराज्यपाल ने 30 सितम्बर, 2016 को किये थे पर केजरीवाल ने इसको नहीं माना। तरूण सीम द्वारा अस्पतालों के लिए तीन निजी सुरक्षा एजंेसियां रखने के दौरान सरकारी खजाने को लगभग 10.5 करोड़ रूपये का नुकसान पहुंचाया गया। तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों करोड़ रूपये की जनहितकारी योजनायें होती हैं जिनके लिए केन्द्र सरकार से भी सैकड़ों करोड़ रूपया प्रति वर्ष दिल्ली सरकार को मिलता है। अन्य राज्यों की तरह केन्द्र सरकार ने नवम्बर, 2015 में दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की नगर निगम स्तरीय विजिलेंस एवं मोनिटरिंग कमेटी स्थापित की जायें। केन्द्र सरकार लगातार विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की अनुदान राशियां दिल्ली सरकार को देती रही है और साथ ही साथ समय-समय पर केजरीवाल सरकार को मोनिटरिंग कमेटी स्थापित करने के लिए भी कहती रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 नवम्बर, 2016 एवं 20 फरवरी, 2017 को इस संदर्भ में दिल्ली सरकार को पत्र भी लिखे हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि इस नगर स्तरीय माॅनिटरिंग कमेटी का अध्यक्ष क्षेत्रीय सांसद को नियुक्त किया जाना है। दिल्ली के सभी सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं अतः राजनीतिक द्वेष के चलते केजरीवाल सरकार ने स्वास्थ्य अनुदान राशियों के व्यय की मानिटरिंग के लिए आवश्यक कमेटी गठित नहीं की हैं। साथ ही केजरीवाल सरकार को यह भी मालूम है स्वास्थ्य सेवायें देने का मामला हो, निःशुल्क दवाइयों के वितरण का मामला हो, अस्पतालों, मोहल्ला क्लीनिकों एवं स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं का हर ओर भ्रष्टाचार एवं अनियमिततायें हैं और इस भ्रष्टाचार को दबाकर रखने के लिए ही दिल्ली सरकार सांसदों की अध्यक्षता में बनने वाली मोनिटरिंग कमेटी का गठन नहीं कर रही है।

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