अब कांग्रेस की नजर संसदीय सचिव रहे 21 आप विधायकों की सीट पर

नई दिल्ली। एमसीडी चुनाव में करारी हार के बावजूद दिल्ली कांग्रेस लाभ के पद में फंसे 21 आप विधायकों की सीट पर नजर गड़ाए हुए है। कांग्रेस हाईकमान द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के इस्तीफे को नामंजूर करने के बाद जिला कांग्रेस कमेटी के ज्यादातर अध्यक्षों ने 21 विधानसभा क्षेत्रों के लिए संभावित उपचुनाव का आकलन कर तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए टीम कांग्रेस बनाने की रणनीति तैयार की गई है।

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के मुताबिक चुनाव आयोग में लाभ के पद में फंसे 21 आप विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द होना तय मानकर पार्टी पिछले एक वर्ष से तैयारी कर रही थी। लेकिन एमसीडी चुनाव और नेताओं के आपसी मनमुटाव के चलते 21 सीटों की रणनीति ठंडे बस्ते में चली गई थी। मगर बदले माहौल में फिर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। सूत्र बताते हैं कि रणनीति के तहत 21 विधानसभा क्षेत्रों के हर पोलिंग बूथ पर दस सदस्यीय बूथ कार्यकारिणी गठित की जाएगी। बूथ कार्यकारिणी में अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व मेंबर बनाए जाएंगे। इनके जिम्मे ही बूथ स्तर का चुनावी कैम्पेन होगा।

कांग्रेस को लोगों के द्वारे-द्वारे ले जाने की जिम्मेदारी टीम कांग्रेस की होगी। इस क्रम में वोटर लिस्ट चेक करने,बूथ की समस्या को लेकर इनपुट जुटाने व युवा मतदाताओं तक पार्टी की पहुंच बढ़ाने की भी जिम्मेदारी इसी की होगी। लेकिन सबसे ज्यादा जोर डोर-टु-डोर कैम्पेन पर है। एक पोलिंग बूथ में करीब 1200 मतदाता होते हैं और डोर-टु-डोर कैम्पेन के जरिए मतदाताओं से कम से कम 5 बार संवाद स्थापित करने की प्लॉनिंग है।

आप सरकार ने मंत्रियों की सहायता के लिए 21 आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर नई पहल की थी। विभिन्न विभागों के कामकाज में इनकी सीधी दखल थी। अब इसी चक्कर में लाभ के पद में फंसे संसदीय सचिव रहे आप विधायकों की विधानसभा सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा है। चुनाव आयोग में इनकी सुनवाई पर 2 हेयरिंग और बाकी है और मई में इन पर फैसला आ जाएगा। जरनैल सिंह द्वारा राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा देने के चलते लाभ के पद के फंदे में 20 विधायक बचे हैं।

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