नई दिल्ली। केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार की तीन साल की उपलब्धियां बताने के लिए सोमवार को सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में ‘सबका साथ, सबका विकास’ सम्मेलन का आयोजन किया गया। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोगों को सरकार की उपलब्धियां बताईं।
विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने विदेश में मुसीबत में फंसे देश के सवा लाख लोगों को सुरक्षित स्वदेश लाने का काम किया है। इनमें से 80 हजार लोगों को सरकार के खर्च पर लाया गया है। हमने सरकार का पैसा गरीबों को खैरात में नहीं बांटा, क्योंकि इससे गरीबों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है।
हमने गरीबों व युवाओं को उच्च स्तर का कौशल प्रशिक्षण देकर इस लायक बनाया है कि वे आजीवन पैसा कमाकर अपनी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकें। हमने लोगों को आगे बढ़ने व तरक्की करने के अवसर उपलब्ध कराए हैं।
सुषमा स्वराज ने कहा कि पिछले तीन साल में पूरी दुनिया में भारत ने अपनी नई पहचान बनाई है। इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी व उनकी टीम ने जी-जान लगाकर मेहनत की है।
उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मुद्रा योजना, स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना से लेकर भीम ऐप तक का जिक्र किया।
उन्होंने इन योजनाओं के लाभार्थियों से उनके अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम के दौरान गिव इट अप के तहत एलपीजी सिलेंडर की सब्सिडी को स्वेच्छा से छोड़ने वाले पांच लोगों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भारत सरकार के गत तीन वर्ष के कार्यों की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। अपनी कतर एवं बहरीन की यात्रा के अनुभव का उल्लेख करते हुए तिवारी ने कहा कि वहां कुछ भारतीय अनधिकृत रूप से पहुंचे।
सुषमा स्वराज ने न सिर्फ उन सभी को बचाया बल्कि वहां स्थापित भी करवाया। इस अवसर पर दो लघु फिल्मों के जरिये मोदी सरकार की उपलब्धियां बताई गईं। दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि जिस तरह देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक गतिशील नेतृत्व दिया है, उसी तरह सुषमा स्वराज ने विदेश में बसे भारतीयों को एक नई आशा की किरण दी है।
विदेश में बसे भारतीय उन्हें अपने अभिभावक के रूप में देखते हैं। भाजपा प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि जिस तरह सुषमा स्वराज ने विदेश में बसे भारतीयों के ट्वीट अथवा किसी दूसरे माध्यम से मिले निवेदन पर उन्हें राहत पहुंचाई, उसे केंद्र सरकार के दूसरे विभागों के मंत्री भी अपना रहे हैं।