कभी कुछ नहीं ‘कर पाने’ तो कभी कुछ नहीं ‘पाने’ की चिंता में छटपटा रहे नवनिर्वाचित पार्षद

नई दिल्ली। दिल्ली एमसीडी की राजनीति व अंदरूनी तथ्यों से जो अवगत हैं, वे भलीभांति जानते हैं कि कोई दिल्लीवासी नगर निगम का चुनाव क्यों लड़ता है, इसके पीछे का कारण जीरो प्रतिशत समाजसेवा एवं सौ फीसदी भ्रष्टाचार से होने वाली ऊपरी कमाई है। निगम के विभिन्न विभागों से होने वाली अवैध कमाई व कमीशन के लिए ही अधिकतर लोग निगम पार्षद का टिकट पाने के लिए ऐड़ी—चोटी का जोर लगा देते हैं। यकीन माने तो निगम पार्षद पद के टिकट के लिए पार्टियों में पैसे की बोली तक लगती है और करोड़ों रूपये तक में लोग टिकट खरीदकर लाते हैं, क्योंकि उससे ज्यादा कमाई की गारंटी जो होती है।
निगम से संबंधित मामलों की जानकारी रखने वाले एक मीडिया के साथी की माने तो आज भले ही नवनिर्वाचित पार्षदों को जीते हुए दो महीने हो गये हों, लेकिन ऊपरी कमाई की शुरूआत नहीं होने से उनमें छटपटाहट देखी जा रही है। हालांकि कुछ पार्षदों ने स्थानीय स्तर पर छोटा—मोटा हाथ मारने में सफलता भी पायी है, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हैं, इन्हें तो जोन स्तर पर हिस्सा चाहिए, वो भी जल्द से जल्द। लेकिन वार्डों का परिसीमन होने और अब तक वार्डों के जोन निर्धारित नहीं होने से निगम पार्षद जोन उपायुक्त के साथ ही इंजीनियर व कर्मचारियों पर अपना बस नहीं चला पा रहे हैं, जिससे ये जोन की गतिविधियों के साथ ही भ्रष्टाचार से होने वाली कमाई से भी वंचित हैं।

एक तरफ वार्डों का जोन निर्धारित नहीं होने से निगम पार्षद जोनल कार्यालय का मुंह देखने तक से वंचित हैं, वहीं दूसरी तरफ खुल्ला पड़े निगम अधिकारी व कर्मचारी खूब चांदी काट रहे हैं। आलम यह है कि भ्रष्टाचार की काली कमाई को तरस रहे पार्षदों से न तो जोन उपायुक्त और न ही बिल्डिंग विभाग के इंजीनियर ही कोई खास मतलब रख रहे हैं, जिससे नवनिर्वाचित पार्षदगण कशमकश में हैं। पार्षद चाह रहे हैं कि जल्द से जल्द उनके वार्ड के जोन का निर्धारण हो।
जोनल कार्यालय में आने वाले वार्डों की घोषणा की देरी से निगम पार्षद की जिम्मेदारियों पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है, क्योंकि वे अपने इलाके में चल रहे भ्रष्टाचार व अव्यवस्था की गतिविधियों पर सीधे रोक नहीं लगा पा रहे हैं। कई निगम पार्षद अपनी जवाबदेही साबित करते हुए अपने इलाके में सड़कों पर फैले अतिक्रमण, अवैध निर्माण व अन्य अव्यवस्थाओं के खिलाफ कार्य नहीं कर पाने के कारण वेबस नजर आ रहे हैं। अतः पार्षद चाहते हैं कि जल्द से जल्द जोनल कार्यालय में आने वाले वार्डों की घोषणा हो।

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