चंडीगढ़। यौन शोषण में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद पंचकूला में हुई आगजनी से सबक लेते हुए रोहतक में पुलिस और सुरक्षा बलों को मौके पर ही तुरंत एक्शन लेने की छूट रहेगी। मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध गतिविधि पर असामाजिक तत्वों को गोली मारने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही पूरा रोहतक और सिरसा सेना की निगरानी में रहेगा।
सोमवार दोपहर ढाई बजे रोहतक की सुनारिया जेल में डेरा मुखी राम रहीम को सीबीआइ जज जगदीप सिंह सजा सुनाएंगे। शुक्रवार को डेरा मुखी को दोषी ठहराये जाने के बाद जिस तरह पंचकूला और सिरसा हिंसा की आग में धधक उठे थे, उससे सबक लेते हुए सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। पूरे जेल परिसर की सुरक्षा कड़ी करते हुए रोहतक में अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियां तैनात की गई हैं। सेना स्टैंड बाई पर रहेगी, जबकि पूरे जोन के अलावा प्रदेश के दूसरे स्थानों से बुलाए गए पुलिस अधिकारी और जवान भी मोर्चा संभाले रहेंगे।
रविवार को एडीजीपी लॉ एंड आर्डर मोहम्मद अकील और सीआइडी प्रमुख अनिल कुमार राव ने खुद रोहतक जाकर सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया और खामियों को चिन्हित कर इन्हें दूर करने के निर्देश दिए। बाद में पंचकूला में देर शाम डीजीपी बीएस संधू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि स्थिति को किसी भी हालत में बिगडऩे नहीं दिया जाएगा।
डीजीपी के अनुसार सिरसा में सेना लगातार डेरा सच्चा सौदा की घेराबंदी किए हुए है। अभी डेरा प्रेमियों को खुद ही घरों के लिए लौट जाने का मौका दिया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।