नई दिल्ली। भारत के स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह जिन्हे एक अंग्रेज पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था। आज भी उन्हें 86 साल बाद बेगुनाह साबित करने के लिए एक पाकिस्तानी वकील लाहौर उच्च न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
शहीद भगत सिंह को इंसाफ दिलाने के लिए वकील इम्तियाज राशिद कुरैशी ने अर्जी देकर इस मामले में जल्दी सुनवाई करने को लेकर अग्राह किया है। दरअसल लाहौर उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने फरवरी में मुख्य न्यायाधीश से इस बात का आग्रह किया था कि कुरैशी द्वारा दायिर की गई याचिका पर सुनवाई को लेकर एक बड़ी पीठ का गठन किया जाएगा, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आपको बता दें कि शहीद भगत सिंह का केस लड़ने वाले इम्तियाज राशिद कुरैशी लाहौर में भगत सिंह ममोरियल फाउंडेशन चलाते हैं।
दायिर की गई याचिका में कुरैशी ने इस बात का जिक्र किया कि भगत सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने अविभाजित हिंदुस्तान की आजादी के लिए संघर्ष किया था।
भगत सिंह का आज भी पाकिस्तान में सम्मान
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि बहुत सारे पाकिस्तानी खासकर तो पंजाबी भाषी लोग जो की लाहौर में रहते है वह भगत सिंह को अपना नायक मानते हैं। वहीं, मीडिया से बातचीत के दौरान कुरैशी ने कहा कि भगत सिंह का आज भी भारतीय उप महाद्वीप में न केवल सिखों बल्कि मुस्लमानों द्वारा भी सम्मान किया जाता है। यहां तक कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। कुरैशी का यह भी कहना है कि यह राष्ट्रीय महत्व का एक मुद्दा है। याचिका में अदालत से पुर्निवचार के सिद्धांतों का पालन करते हुए भगत सिंह की सजा रद्ध करने तथा सरकार को उन्हें राजकीय सम्मान देने का आदेश देने की मांग की गई हैं।
इस कारण फांसी के फंद पर चढ़ाए गए भगत सिंह
भगत सिंह को 23 साल की उम्र में ब्रिटिश शासकों द्वारा इसलिए 23 मार्च 1931 को फांसी पर लटकाया गया था क्योंकि उन पर ब्रिटने की औपनिवेशिक सरकार के खिलाफ साजिश रचने का इलजाम लगाया गया था। इस सिलसिले में भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरू के खिलाफ ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सेंडर्स की कथित तौर पर हत्या करने के मामले में केस दर्ज किया गया था। इस बारे में कुरैशी ने मीडिया से कहा कि भगत सिंह के मामले पर जल्द सुनवाई के लिए मैंने लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। आज मैंने रजिस्ट्रार से आग्रह किया है कि मामले की सुनवाई की तारीख जल्द तय करें और इस बात की उम्मीद कि इसी महीने मामले पर जल्दी ही सुनवाई शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संघीय पत्रकार सरकार को पत्र लिखकर शादमन चौक पर भगत सिंह की मूर्ति लगाने की मांग भी की गई है। जहां उनके दो साथियों के साथ फांसी पर लटकाया गया था।